पटना(PATNA): प्रधानमंत्री आवास योजना की संकल्पना के सहारे समाज के कमजोर तबकों के सर पर छत मुहैया करवाने का सपना देखा गया था, माना गया था कि इसके सहारे आर्थिक-सामाजिक रुप से कमजोर तबका भी आत्मसम्मान की जिंदगी जी पायेगा, उसका परिवार भी आत्मसम्मान के साथ समाज में रह पायेगा, योजना की खास बात यह थी कि आवास निर्माण की राशि घर की महिला के खाते में डाली जाती थी, ताकि पुरुष इस राशि का दुरुपयोग नहीं कर सकें, शराब और दूसरे व्यसनों में इसे बर्बाद नहीं किया जा सके.
हालिया घटनाओं के बाद इस नजरिये में बदलाव की जरुरत
लेकिन हालिया घटनाओं से इस सोच को गहरा धक्का लगा है, अब तक दर्जनों ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है जब पीएम आवास योजना की पहली किश्त के साथ ही घर महिला पति और बच्चों को छोड़ अपने प्रेमी के फरार हो गयी. इधर पति शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाता फिरता रहा, प्रशासन से मदद तो नहीं मिली, हां, तय सीमा पर आवास निर्माण पूरा नहीं करने के लिए फटकार जरुर लगायी गयी. अब वह अभाग्या पुरुष अपने सपनों का आवास का निर्माण करवाये या अपने बच्चों की मां को खोजे, जिसे बेसहारा छोड़ उसकी मां भाग खड़ी हुई.
रोहतास की घटना, दो बच्चों की मां अपने प्रेमी के साथ भाग खड़ी हुई
अभी कुछ दिन पहले ही इसी प्रकार की एक घटना बिहार के रोहतास जिले से आयी थी, जब पीएम आवास की पहली किश्त 45 हजार के साथ दो बच्चों की मां अपने प्रेमी के साथ फरार हो गयी, साथ ही घर बनाने के लिए बड़ी हसरत के साथ पति के द्वारा सहेजा गया 50 हजार रुपये भी अपने साथ ले गयी.
एक साथ चार महिलाएं भी हुई फरार
इस मामले में अब तक की सबसे बड़ी घटना यूपी से आयी है, जहां बाराबंकी जिले का नगर पंचायत बेलहरा, बांकी, जैदपुर और सिधौर की चार महिलाएं आवास योजना की पहली किश्त के साथ ही अपने अपने प्रेमियों के साथ भाग खड़ी हुई. अब वहां पतियों के द्वारा शासन-प्रशासन से पत्नियों के खाते में दूसरी किश्त नहीं जमा करने की गुहार लगायी जा रही है, लेकिन शासन-प्रशासन के द्वारा इन पतियों का फरियाद सुनने के बजाय उन्हे जल्द से जल्द आवास निर्माण की शुरुआत करने का फरमान सुनाया जा रहा है.
आवास निर्माण पूरा नहीं करने पर प्रशासनिक कार्रवाई की धमकी
आवास निर्माण की निगरानी कर रहे सौरभ त्रिपाठी के द्वारा सभी पीड़ित पतियों को किसी प्रकार मनाकर वापस घर लाने का फरमान सुनाया जा चुका है. इन पतियों के खिलाफ कभी भी गाज गिर सकती है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार