Tnp Sports:- क्रिकेट के सबसे बड़े महाकुंभ का महासंग्राम छिड़ गया है, विश्व विजेता या कहे कि इस बार की वर्ल्ड कप की चैंपियन कौन होगी. इसके लिए अभी तो इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि अभी तो मैच शुरु ही हुए हैं. भारत की धरती पर हो रहे इस क्रिकेट के सबसे बड़े मेले में चाहत है कि टीम इंडिया 2011 की तरह ही अपने घर में एकबार फिर चैंपियन बनें. हालांकि, जो हसरतें हिलोरे मार रही है, इसमे दम भी है, क्योंकि भारतीय टीम किसी से कमतर नहीं है. इसके पीछे वजह है एक मजबूत और अनुभवी खिलाड़ियों से सजी टीम है, जिसमे रोहित शर्मा, विराट कोहली औऱ रविन्द्र जडेजा जैसे तजुर्बेकार और मंजे हुए क्रिकेटर की मौजूदगी है.
एशिया कप में भारतीय टीम ने जिस तरह का बेहतरीन खेल दिखाया है औऱ जिस अंदाज में चैंपियन बनीं. इसके बाद तो विश्व कप में उसकी दावेदारी को कोई नजरअंदाज करके तो नहीं देख रहा है. वजह साफ-सुथरी है, क्योंकि रोहित की टीम एक विजेता की तरह खेली, खासकर बैटिंग लाइनअप में जो मजबूती टॉप, मीडिल औऱ लोअर ऑर्डर में दिखी. इससे सभी के मन में ये बात तो बैठ गई है कि भारत की बल्लेबाजी काफी मजबूत है और किसी भी टीम को इससे पार पाने के लिए इनके बैटिंग लाइन अप को भेदना सबसे मुश्किल काम है.
आगाज मैच में ऑस्ट्रेलिया को धोया
चेन्नई चेपॉक स्टेडियम में जिस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पछाड़ा औऱ आसान जीत दर्ज की. इससे तो सभी बेहद खुश है. लेकिन, इस मुकाबले में थोड़ा सा भी अगर बल्लेबाज हल्के में लेते तो मैच फिसल सकता था. क्योंकि टॉप आर्डर में कैप्टन रोहित, ईशान किशन औऱ श्रेयस अय्यर का बल्ला बिल्कुल खामोश रहा. लेकिन, मुश्किल आती इससे पहले विराट कोहली और लोकेश राहुल ने पिच पर जमकर भारत को जीत के नजदीक ला दिया. लोकेश राहुल तो अंत तक टिक कर नाबाद 97 रन की पारी खेलकर ही टीम को जीत दिलाई. इस मैच में टीम की स्ट्रांग बैटिंग की झलक एकबार फिर दिखी.
बल्लेबाज ही बना सकते हैं विश्व चैंपियन
भारतीय टीम की बैटिंग लाइनअप बेहद ताकतवर है. अगर टॉप ऑर्डर को देखा जाए तो कप्तान रोहित शर्मा औऱ शुभमन गिल की मजबूत ओपनिंग जोडी है. जो अगर एक लंबी पार्टनरीशप दे दे तो फिर एक बड़ा टारगेट टीम को दे सकती है, इसके साथ ही किसी भी तरह के टारगेट को पीछा करने में भी ये जोड़ी आसान बना देगी. अगर टॉप ऑर्डर बिखर गया, जैसा की चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में हुआ. इसमे ये देखा गया कि ओपनर रोहित शर्मा, ईशान किशन बिना खाता खोले पवैलियन की राह पकड़ ली. बैटिग के लिए आए श्रेयस अय्यर भी बिना रन बनाए आउट हो गये. तीन विकेट 2 रन पर ही गिर गया था. टीम के लिए मुसिबत आन पड़ी. लेकिन,मीडिल ऑर्डर में विराट कोहली और लोकेश राहुल ने जबरदस्त धैर्य का परिचय देते हुए लक्ष्य को करीब ला दिया . इससे ये साबित हुआ कि मध्यक्रम की बल्लेबाजी भी टीम की काफी मजबूत है. विराट, राहुल,ईशान किशन और श्रेयस मुश्किल वक्त में मोर्चा संभाल सकते है. इसके साथ ही निचले क्रम में रविन्द्र जडेजा, सुर्यकुमार यादव और हार्दिक पंडया भी अपनी बैटिंग से चौका सकते हैं. इनका पिछला प्रदर्शन कई बार ये बता चुका है.
इस बार विश्व कप खेलने उतरी भारतीय टीम के पास ताकतवर और सधा हुआ बल्लेबाजी क्रम ही है, जो किसी भी विपक्षी टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इस बैटिंग की दीवार को धराशयी करने में अच्छे-अच्छे गेंदबाजों को पसीना छूटेगा.
यह कहना भी मुनासिब होगा कि अगर भारत अपने घर में विश्वविजेता बनता है, तो भारत के बल्लेबाजों का इसमे अहम किरदार होगा . जो तीसरी बार हिन्दुस्तान को विश्व विजेता बना सकते हैं.
रिपोर्ट-शिवपूजन सिंह