TNP DESK- लैंड फॉर जॉब मामले में लालू फैमिली को राहत मिली है लेकिन यह राहत कई शर्तों में बंधी हुई मिली हुई है. दिल्ली में आज लालू यादव और फैमिली की पेशी हुई. पहली बार तेज प्रताप भी कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए. राउज एवेन्यू की पीएमएलए कोर्ट में सभी ने उपस्थिति दर्ज कराई. रेल मंत्री के कार्यकाल में लालू यादव ने लगभग तीन दर्जन लोगों को ग्रुप डी में नौकरी देने के एवज में जमीन ले ली थी. औने-पौने दाम में जमीन लिखवा ली गई थी. इस मामले में लालू यादव के अलावा तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मिसा भारती भी आरोपी हैं. सभी आज सोमवार को दिल्ली की राज एवेन्यू कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराई.
पीएमएलए कोर्ट ने क्या शर्त लगा रखी है, जानिए
लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी ने राउज एवेन्यू स्थित पीएमएलए कोर्ट ने लालू यादव समेत सभी नौ आरोपियों को जमानत दे दी. जमानत शर्तों के साथ दी गई है. एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. इसके अलावा पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा गया है. कोई भी विदेश यात्रा नहीं कर सकता है. इसके अतिरिक्त गवाहों को कोई प्रभावित नहीं करेगा. साक्ष्य के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेगा. उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने लालू यादव के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप को भी इस मामले में आरोपी बनाने को कहा था. कोर्ट का यह ऑब्जरवेशन था कि तेज प्रताप भी प्रथम दृष्टि या इस मामले में आरोपी हो सकते हैं. इसलिए आज पहली बार वे भी कोर्ट में हुए शामिल हुए. मालूम हो कि ईडी ने लैंड फॉर जॉब मामले में पीएमएलए कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है.
लैंड फॉर जॉब मामला के बारे में भी जान लीजिए
जमीन के बदले नौकरी यानी लैंड फॉर जॉब मामला का फिर गंभीर मामला रहा है. जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे, उस समय उन्होंने ग्रुप डी की नौकरी के लिए कई जरूरतमंद लोगों से जमीन लिखवा ली थी.नौकरी देने के लिए नियम को ताक पर रख दिया गया था.बाद में इस मामले की जब जांच हुई तो सारा खुलासा हो गया. नौकरी का लालच देकर जमीन सस्ते दाम में लिखवा लिया गया.
भाजपा नेताओं ने क्या कहा
भाजपा नेताओं ने कहा है कि भले लालू एंड फैमिली को इस मामले में जमानत मिल गई लेकिन वे निर्दोष नहीं हैं .उन्हें तो कोर्ट ने शर्तों के साथ जमानत दी है उन्हें पासपोर्ट जमा करना होगा इसके अलावा वे किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं कर सकते हैं. इसलिए जमानत की शर्तें काफी कठोर है जिनका अनुपालन करना होगा.