पटना(PATNA): बिहार में सियासी खेल अभी बाकी है. बिहार के पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन और केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान के बीच सियासी तलवारें खिंच गयी हैं. दोनों नेताओं के बीच सियासी लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. दोनों तरफ से लगातार फ्रंटफुट पर आकर बयानबाजी हो रही है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. या यूं कहें कि आनंद मोहन और चिराग पासवान के बीच के रिश्ते तल्ख हो गये हैं.
बिहार के पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन के बयान पर लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान ने तीखा बयान दिया था और कहा था कि वो सक्रिय राजनीति में नहीं हैं. इसके अलावा वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा से संगीन जुर्म के बावजूद जेल से रिहा हुए है, इसलिए उनकी बात का जवाब देने का कोई मतलब नहीं है. चिराग पासवान के इस बयान के बाद अब आनंद मोहन के विधायक बेटे चेतन आनंद ने भी मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि, “हम किसी मुर्दा कौम के नेता नहीं हैं. उनकी गीदड़ भभकी से नहीं डरते हैं.” चेतन आनंद ने चिराग पासवान पर हमला बोलते हुए कहा कि आनंद मोहन वहीं शख्स हैं, जिन्होंने अटल जी की सरकार के मुश्किल में पड़ने पर एक वोट देकर बचाने की कोशिश की थी और मैं वो शख्स हूं, जब इसी सदन में सरकार जाने की स्थिति पैदा हो गयी थी तो मैंने ही सरकार को बचाने की कोशिश की लिहाजा ये बताना उचित नहीं है कि हम क्या है और कौन है?
इसके साथ ही चेतन आनंद ने कहा कि, हमने ये प्रश्न सीधा-सीधा गठबंधन धर्म को लेकर किया है. हमारे पिता आनंद मोहन ने यही पूछा है कि आप गठबंधन के इस पार है या उसपार हैं? आप बीच में नहीं हो सकते हैं. आप किसी के यहां जाइएगा और किसी के यहां नहीं जाइएगा. इसका मैसेज गलत जाता है. आखिर उन्होंने क्या गलत बोला है?
चेतन आनंद ने एक बार फिर कहा कि चिराग पासवान इमामगंज में समय देकर नहीं गये और उधर उनकी पार्टी के वर्कर्स दूसरे खेमे के लिए काम कर रहे थे, ये तो दिखता है. लिहाजा आपको स्पष्ट करना चाहिए था. जनता बेवकूफ नहीं है. उन्होंने कहा कि इमामगंज में आकर लीडरशिप दिखाना चाहिए था. पासवान वोटर्स को मोटिवेट कर NDA को वोट दिलवाना चाहिए था. लेकिन उसे उन्होंने उचित नहीं समझा.
रिपोर्ट: ऋषिनाथ