टीएनपी डेस्क: साइबर क्राइम के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. कई लोग साइबर ठगों का टारगेट भी बन चुके हैं और अपने लाखों-करोड़ों रुपए गंवा दिए हैं. ऐसे में लोगों का साइबर अपराधों को लेकर जागरूक रहना जरूरी है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में साइबर अपराधों से बचने, सतर्क रहने और सावधान रहने के लिए लोगों से अपील की थी. ऐसे में अब केंद्र सरकार द्वारा साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक नई पहल की गई है. कुछ दिनों पहले ही ट्राई (TRAI) द्वारा प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल और मैसेज को ट्रैक करने और रोकने के लिए जरूरी निर्देश दिए गए थे. अब गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (नोडल एजेंसी आई4सी) ने दूरसंचार विभाग को निर्देश दे दिया है कि सभी टेलीकॉम कंपनियां साइबर अपराध को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कॉलर ट्यून और प्री-कॉलर ट्यून लगाएंगे. यानी की JIO, AIRTEL, VODAFONE और BSNL के नंबर पर कॉल करने पर अब साइबर अपराध से जुड़ी बातें सुनने को मिलेगी.
साइबर अपराध से बचने के लिए बताए जाएंगे उपाय
वहीं, नोडल एजेंसी आई4सी के निर्देश के बाद से दूरसंचार विभाग ने इसे लागू कर दिया है. अब किसी भी नंबर पर कॉल करने पर आपको साइबर अपराध से बचने का कॉलर ट्यून सुनाई देगा. इस खास कॉलर ट्यून में यूजर्स को साइबर अपराध से बचने व सतर्क रहने के लिए जरूरी संदेश सुनाए जाएंगे. इस संदेश में लोगों को बताया जाएगा कि उन्हें साइबर अपराध से कैसे सतर्क रहना है और कैसे उनकी पहचान करनी है. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि कोई भी पुलिस या जज का फोन आए तो घबराए नहीं. उनकी बातों में न आए, सीधा अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जा कर शिकायत दर्ज कराएं. इतना ही नहीं, कोई भी पुलिस या जज किसी भी तरह के वेरीफिकेशन के लिए आपको कॉल या वीडियो कॉल नहीं करता है और न ही आपसे पैसे की मांग करता है.
बता दें कि, टेलीकॉम कंपनियों द्वारा इस अभियान की शुरुआत कर दी गई है. तीन महीने तक लगातार साइबर अपराध के अलग-अलग तरीकों से लोगों को सतर्क करने व उनसे बचने के तरीके बताए जाएंगे. ऐसे में दिन में 8 से 10 बार यह संदेश ग्राहकों को सुनने को मिलेगा.