टीएनपी डेस्क(TNP DESK): इन दोनों चैत्र नवरात्रि का महापर्व चल रहा है. चारों तरफ माता की पूजा आराधना की जा रही है. एक तरफ जहां माता के अलग-अलग स्वरूपों के भक्ति पूजा अर्चना कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कन्या पूजन की भी तैयारी अब शुरू हो गई है, आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है, आज माता कालरात्रि की पूजा अर्चना की जा रही है. वहीं कल महाष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन की कुछ खास विधि विधान बताये गये है, लेकिन जाने अनजाने में लोग बहुत सारी गलतियां कर बैठते हैं, जिसकी वजह से उन्हें उसका फल भुगतना पड़ता है, लेकिन यदि आप शुभ मुहूर्त में और सही तरीके से कन्या पूजन करते हैं तो इसका लाभ आपको अवश्य मिलता है और माता आपको सुख शांति का आशीर्वाद देती हैं.
पढ़ें कन्या पूजन सही मुहूर्त और सही तरीका क्या है
आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे की कन्या पूजन सही मुहूर्त और सही तरीका क्या है आपको बताएं कि चैत्र नवरात्रि के महाष्टमी और महानवमी पर कन्या पूजन की परंपरा है और इसका खास महत्व है. इस बार महा अष्टमी का पर कन्या पूजन 16 अप्रैल और 17 अप्रैल को किया जाएगा. शास्त्रों की माने तो महा अष्टमी पर नौ कन्याओं को भोजन करना बहुत ही शुभ फलदाई होता है, लेकिन यदि आप कुछ गलतियों से बचते हैं तो ही आपको इसका फल प्राप्त होता है.
कन्या पूजन पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां
1. आपको बताये कि कन्या पूजन के लिए महाअष्टमी और नवमी पर घर आनेवाली कन्याओं को एक दिनपहले ही आदरपूर्वक न्यौंता देना चाहिए, इसके बाद ही आपको कन्या पूजन की तैयारी करनी चाहिए.
2. वहीं कन्या पर बैठनेवाली कन्याओं की उम्र कम से कम 2 से 10 वर्ष के बीच ही होनी चाहिए. इससे बड़े उम्र की बच्चियों को कन्या पूजन में नहीं बैठना चाहिए.
3. वहीं कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं की संख्या ही शुभ मानी जाती है. कन्या पूजन में नौ कन्याओं के अलावा एक बटुक मतलब एक अबोध बालक को भी बैठाना चाहिए,कन्याओं के साथ बैठने वाले इस बालक को भैरव का रूप भी कहा जाता है.
4. वहीं कन्या पूजन के दौरान दिशाओं का विशेष ख्याल रखना चाहिए.कन्याओं और बटूक को पूर्व दिशा की तरफ ही मुंह करके बैठना चाहिए.
5. वहीं कन्या पूजन करने के बाद कन्याओं और बटूक को दक्षिणा जरूर देनी चाहिए, वही आप दान दक्षिणा के अलावा उनकी जरूरत की चीज भी दे सकते हैं.वहीं भोजन के बाद सभी कन्याओं को पैर छूकर आशीर्वाद लेनी चाहिए, और आदरपूर्वक उन्हे घर से विदा करना चाहिए.इस बार चैत्र नवरात्रि पर होने वाले कन्या पूजन के दो शुभ मुहूर्त हैं जिसमें पहले 7:51 से 10:41 तक है वहीं दूसरा मुहूर्त 11:55 से लेकर 12:47 तक दिया गया है.