पटना(PATNA): पटना एयरपोर्ट पर चिराग पासवान ने बक्सर की घटना पर बयान देते हुए कहा कि बक्सर की घटना जितनी निंदनीय है, उतना ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अमानवीय चेहरा दर्शाता है. सभी लोगों ने देखा किस तरीके से पुलिस ने घर में घुसकर किसान परिवार के लोगों को बर्बरता से पीटने का काम किया, ना बच्चों को बख्शा ना महिलाओं को छोड़ा. वहीं समाधान यात्रा को लेकर के चिराग पासवान ने कहा कि पहले बक्सर का समाधान करें, आज अगर किसान मौजूदा सर्कल रेट पर अपना मुआवजा मांगता है जो उसका हक है उस अधिकार से उसको वंचित किया जाता है और अंत में हक अधिकार की मांग पर परिवार के सदस्यों को पीटा जाता है. चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा और कहा कि आखिर इसका क्या समाधान है बताइए.
“स्वार्थ यात्रा के नाम पर मुख्यमंत्री ने निकाला है समाधान यात्रा”
उन्होंने कहा कि स्वार्थ यात्रा के नाम पर समाधान यात्रा निकालने मुख्यमंत्री निकले हैं. पहले वह बक्सर का समाधान करें. किसानों का समाधान करें, अभ्यर्थियों का समाधान करें, तब जाकर सही मायनों में बिहार में समाधान हो पाएगा. लेकिन जो समस्या की जड़ खुद हो उनसे समाधान की अपेक्षा रखना संभव नहीं है. बक्सर की घटना उसका जीता जाता उदाहरण है.
नीतीश कुमार ने कहा था कि पुरुष दिन भर लगे रहते हैं उस बयान पर चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश कुमार आखिर कहना क्या चाहते हैं. पुरुष और महिलाओं में भेदभाव करके यह बताना चाह रहे हैं. मुख्यमंत्री की अपनी निजी सोच हो सकती है पर आज का युवा बिहारी युवा उनकी सोच को सुन रहे हैं, पिछले चुनाव में भी उनके सोच का जवाब दिया था, आने वाले दिनों में भी दिया जाएगा.
“मुख्यमंत्री ने बंटवारे की राजनीति करके ही अपनी राजनीति की है”
वहीं शिक्षा मंत्री के विवादित बयान पर चिराग पासवान ने कहा कि शिक्षा मंत्री और तमाम ऐसे राजनीतिक दल और नेता जो बंटवारे की राजनीति करना चाहते हैं, वह हमारे इतिहास को हमारे ग्रंथों को जिनमें लोगों की आस्था होती है उस पर सवाल उठाकर लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं. हम ऐसे प्रदेश में हैं, जहां के मुख्यमंत्री ने बंटवारे की राजनीति करके ही अपनी राजनीति की है. इस तरीके के भड़काऊ भाषण ही मुख्यमंत्री देते हैं और उनके सरकार के मंत्री देते हैं. पिछले चुनाव में अंजाम भुगते हैं और आने वाले समय में भी भुगतना पड़ेगा.
वहीं अपनी सुरक्षा को लेकर के चिराग पासवान ने कहा कि मेरे मंत्री पद और मेरी सुरक्षा से बिहार की जनता का कोई लेना देना नहीं है. इन तरीकों के सवालों का कोई मतलब नहीं है. बिहार की जनता से जुड़े हुए सवालों का जवाब देने के लिए जनप्रतिनिधि होता है ना कि व्यक्तिगत.