टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-आम इंसान अपनी पैसों की सुरक्षा और रिटर्न के लिए पारंपरिक बैंक फिक्स डिपॉजिट पर ही भरोसा करते आए है. आज भी इसका प्रचलन काफी ज्यादा है. इसके पीछे वजह सबसे बड़ी देखी गई है कि लोग अपने मेहनत के पैसो को सुरक्षित रखने पर ज्यादा भरोसा जताते हैं. लेकिन, अब वक्त थोड़ा बदल से गया है. लोगों की सोच और बढ़ती महंगाई के चलते लोग इसके इतर विकल्प ढूंढने लगे हैं. अब बैंको के डिपॉजिट की तुलना में लोग म्यूचुअल फंड में निवेश एक समझदारी भरा कदम मान रहे हैं. जिन लोगों ने सही फंड का चुनाव कर लंबे समय तक निवेश किया , उसके पास आज बैंक फिक्स डिपॉजिट या बैंकों के अन्य डिपॉजिट स्कीम की तुलना में बेहतरीन रिटर्न म्यूचुअल फंड से मिले हैं. एमएफ की बढ़ती लोकप्रियता से बैंक डिपॉजिट्स को तगड़ी चुनौती मिल रही है. लगातार लोगों का रुझान घटता ही दिख रहा है.
म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री की 3 साल में 24.8% की रेट से ग्रोथ
म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री लगातार अपनी ग्रोथ बनाए हुए हैं . आम निवेशकों का भरोसा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है . ये एमएफ इंडस्ट्री के लगातार ग्रोथ को देखकर कहा जा सकता है. दरअसल, कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) की बात की जाए तो 2019-20 के अगले तीन वित्त वर्ष यानी 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में यह 24.8% की रेट से बढ़कर ₹20.26 लाख करोड़ से ₹39.42 लाख करोड़ हो गया. वहीं अगर बैंक डिपॉजिट की बात करें तो, इसमें केवल 10% की ग्रोथ (CAGR) ही देखी गई है. वित्त वर्ष 2020 से 2023 तक यह केवल ₹135.67 लाख करोड़ से ₹180.44 लाख करोड़ ही बढ़ा है. केवल एमएफ की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अगस्त 2023 में निवेशकों ने म्यूचुअल फंड के जरिए SIP में रिकॉर्ड ₹15,813 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया है.
म्यूचुअल फंड में निवेशकों का बढ़ रहा भरोसा
म्यूचुअल फंड को लेकर निवेशक बेहद ही मानों निश्चित से हो गये हैं, उनकी नजर में तो लगता है कि यहां खतरे जैसी कोई बात नहीं है. हालांकि, देखा जाए तो ये बाजार जोखिमों के अधीन है, इसमें खतरा बना रहता है. हालांकि, इन सब बातों को छोड़ आंकड़ों की तस्दीक करें , तो इस साल जुलाई के मुकाबले अगस्त में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की ओवरऑल ग्रोथ ₹46.37 लाख करोड़ से बढ़कर ₹46.93 लाख करोड़ हो गई है. रिपोर्ट में पाया गया है कि अगस्त 2023 के लिए बैंक डिपॉजिट (HDFC मर्जर को छोड़कर) में सालाना (YoY) 12.3% की ग्रोथ दर्ज की गई. जबकि म्यूचुअल फंड के लिए यह ग्रोथ 18.6% रहा.
म्यूचुअल फंड को मिल रही ज्यादा तवज्जो
हाल के दिनों में ये देखा गया है कि लोग में रिस्क लेने की क्षमता बढ़ी है , वो इसलिए क्योंकि निवेश की जब बात सामने आती है तो लोग जोखिम के बावजूद म्यूचुअल फंड को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. क्योंकि ये इन्वेस्टर के मन मुताबिक अलग-अलग तरह की स्कीम्स ऑफर करते हैं. कई तरह के विकल्प होने के चलते निवेशक इसमे खुद को ज्यादा मुफीद मानते हैं. देखा जाए तो म्यूचुअल फंड्स में बैंकों की तुलना में काफी ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है. लिहाजा, जिन लोगों ने पैसा म्यूचुअल फंड्स में बनाया है. वो इसमे निवेश करने से नहीं हिचकते हैं. इसके इतर अगर बैंक डिपॉजिट की बात करें तो आपके फंड की सुरक्षा की गारंटी तो मिलती है, लेकिन वहां फिक्स्ड रेट के अनुसार ही रिटर्न मिल पाता है.
दुनिया में भारत की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है, लगातार इसका बढ़ता आकार औऱ भारतीय बाजार में होता निवेश आने वाले दिनों में इसके ग्रोथ की संभावना को ज्यादा प्रबल बनाती है. लिहाजा, जो हालात औऱ तस्वीर इंडिया की इकनॉमी की दिखती है, उससे आने वाले वक्त में ये और तेजी से बढ़ने के संकेत देती है.
(नोट: इस लेख में निवेश की सलाह नहीं दी गई है, बल्कि जानकारी दी गई. आप किसी भी निवेश से संबंधित निर्णय अपने वित्तीय सलाहकार से ले)