टीएनपी डेस्क(TNP DESK): आपमें से ज्यादातर लोगों को सिर्फ चार ब्लड ग्रुपों की ही जानकारी होगी. A, B, AB और O से आगे भी दुनिया है, इसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी, लेकिन क्या आप यह जानते है कि जिस खून पर आप और हम इतना अंहकार भाव रखते हैं. वह अब तक वह 43 प्रकार की होती थी, लेकिन आपको यहां हम इन 43 बल्ड ग्रुपों की नहीं, इससे आगे बढ़कर 44वें ब्लड ग्रुप की जान देने जा रहे हैं.
खून में मौजूद कई जटिल बीमारियों के इलाज में मिलेगी मदद
दरअसल वैज्ञानिकों ने ER नामक एक नये ब्लड ग्रुप की खोज की है. वैज्ञानिकों ने इसे बड़ी उपलब्धी बताया है, उनका मानना है कि इस खोज से खून में मौजूद कई जटिल बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी. नवजात और गर्भ में होने वाली बीमारियों के इलाज में इससे क्रांतिकारी बदलाव आयेगा.
पांच दशक पहले ही मिला था इसका संकेत, विज्ञान की कई पहेलियों को सुलझाने में मिलेगी मदद
यहां बता दें कि वैज्ञानिकों को इस नये ब्लड ग्रूप का संकेत करीबन पांच दशक पहले ही मिला था, लेकिन तब तकनीक की अपनी सीमायें थी. वैज्ञानिकों चाह कर भी इस दिशा में आगे नहीं बढ़ पा रहे थें, अब जब तकनीक में प्रगति आयी है, वैज्ञानिक जगत में कई बदलाव आये हैं, वैज्ञानिकों ने इस खोज को पूरा कर लिया.
स्कूवल ऑफ बायोकेमिस्ट्री में सीनियर रिसर्चर टिम सैचवेल ने इस स्ट डी को अहम करार देते हुए कहा है कि कैसे नई टेक्नोैलॉजी को पारंपरिक तरीकों के साथ मिलाकर अब तक पहेली बनी सवालों को सुलझाया जा सकता है.
कैसे मिलती ब्लड ग्रुप की जानकारी
ब्लड ग्रुप की जांच लाल रक्त कोशिकाओं पर प्रोटीन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर तय किया जाता है. कटिंग-एज डीएनए सीक्वें सिंग और जीन एडिटिंग टेक्नीपक के जरिये वैज्ञानिकों ने Piezo1 नाम के प्रोटीन की पहचान की है. यह Er ब्लबड टाइप के लिए मार्कर है. Piezo1 सेहत और बीमारी दोनों में अहम भूमिका निभाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्लजड प्रकार के जेनेटिक मेकअप को समझना जरूरी है. इससे ब्लयड टाइप टेस्टिंग को विकसित करने में मदद मिलती है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार