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मारंगबुरु को बचाने के लिए जन आक्रोश महारैली के तहत मधुवन में आदिवासियों का जुटान, जानिए क्या है पूरा मामला

मारंगबुरु को बचाने के लिए जन आक्रोश महारैली के तहत मधुवन में आदिवासियों का जुटान, जानिए क्या है पूरा मामला

गिरिडीह(GIRIDIH): जिले के मधुवन में हजारों की संख्या में विभिन्न आदिवासी संगठन के नेतृत्व में लोगों का जुटान शुरू हो गया है. इस जुटान को जन आक्रोश महारैली नाम दिया गया है. मधुवन में पहुंच रहे लोग सरकार के प्रति नारेबाजी कर रहे है. इसके अलावा मारंगबुरु बचाव का नारा लगा रहे है. जन आक्रोश रैली में गुजरात, ओडिसा, छत्तीसगढ़, झारखंड के अलावा कुछ आदिवासी नेता पड़ोसी देश नेपाल से भी पहुंच रहे है. जन आक्रोश सभा को लेकर गिरिडीह मधुवन की सभी दुकान भी बंद रखी गयी है.

जन आक्रोश रैली में झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम अपनी ही सरकार के खिलाफ़ बगावत करने को उतारू है. नेताओं का साफ कहना है कि पारस नाथ को धर्मिक स्थल घोषित नहीं किया जा सकता है. यह पहाड़ हमारा मारंगबुरु है, जिसकी आदिवासी समाज में पूजा होती है. इसके अलावा सिकंदर हेम्ब्रम ने बताया मारंगबुरु को बचाने के लिए सभी आदिवासी एक जुट है. केंद्र और राज्य सरकार की मिली भगत से यहां के बहुसंख्यक को हटाने की फिराक में है. सिर्फ सरकार की मंशा जंगल और जमीन को लूटने की है. सरकार को जैन धर्म के लोगों की आस्था दिखी लेकिन यहां के आदिवासी समाज नहीं दिखा. जब कि मुख्यमंत्री खुद आदिवासी समाज से आते है. वह भी मारंगबुरु की पूजा करते है. जब तक मारंगबुरु इसे घोषित नहीं किया जएगा. तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हमारा मारंगबुरु कोई नया नहीं है. हम प्रकृति की पूजा करते है.

अब यह आंदोलन कहां जा कर रुकता है यह तो समय बताएगा. लेकिन आदिवासी समाज के लोगों में गुस्सा है. सरकार से मारंगबुरु घोषित करने की मांग कर रहे हैं. पहले पारस नाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित करने से जैन धर्म के लोग नाराज थे देश भर में प्रदर्शन किया जा रहा था. इस मामले को राज्य और केंद्र सरकार ने किसी तरह संभाला ही था कि अब आदिवासी समाज सड़क पर उतर गया है.

रिपोर्ट : दिनेश कुमार, गिरिडीह

Published at:10 Jan 2023 02:03 PM (IST)
Tags:GIRIDIH NEWSjharkhand newsMarangburutribals Jan Aakrosh Maharallyhemant soren giridh dc गिरिडीह डीसीझारखंड न्यूजमारंगबुरुपारसनाथ पहाड़
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