दुमका (DUMKA) : एक केस के सिलसिले में मंत्री दीपिका पांडे सिंह दुमका पहुंची. परिषदन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने के. राजू को झारखंड कांग्रेस का प्रभारी बनाए जाने पर उन्हें बधाई दी और कहा कि वे बहुत सुलझे हुए और सरल व्यक्तित्व वाले कांग्रेस के संगठनकर्ता हैं. आने वाले समय में उनके झारखंड आने से न केवल संगठन को बल्कि राज्य में जो भी स्कीम चल रही है उसे और बेहतर कैसे बनाया जाए उसमें भी उनका बहुत योगदान रहेगा.
मंत्री योगेंद्र प्रसाद के बाद मंत्री दीपिका ने भी ग्रामीण विकास के बकाया राशि का दिया ब्यौरा
हालिया संपन्न झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले से ही इंडिया गठबंधन के घटक दल के नेता रॉयल्टी के 1,36,000 करोड रुपैया बकाया राशि को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर रही है. अब जबकि चुनाव में इंडिया गठबंधन को स्पष्ट जनादेश मिला. सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में इंडिया गठबंधन की सरकार चल रही है तो सभी मंत्री अपने अपने विभाग के बकाया को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर दिख है. कल एक तरफ जहां पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने नल जल योजना का 6500 करोड रुपैया केन्द्रांश नहीं मिलने से पेयजल आपूर्ति की कई योजनाएं अधर में लटके होने का हवाला देकर बकाया राशि की मांग की तो शनिवार को मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग की कई योजनाओं का केंद्र से बकाया होने की बात कही.
मनरेगा योजना का 600 करोड रुपया केंद्र के पास है बकाया
मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि मनरेगा का लगभग 600 करोड रुपया केंद्र के पास बकाया है. इसी तरह आवास की योजना को जोड़ दिया जाए तो हजारों करोड़ रूपया हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ऐसी तमाम छोटी बड़ी योजनाएं जहां केंद्र सरकार को सहयोग करनी चाहिए थी, आम लोगों की जरूरत से जुड़ी योजना है उसका बकाया नहीं दे रही है.
वित्त विभाग कर रहा है ब्यौरा तैयार: मंत्री दीपिका
मंत्री ने कहा कि वित्त विभाग इन सब चीजों का ब्यौरा तैयार कर रहा है. हम लोग भी अपने विभाग का रिपोर्ट आने वाले कैबिनेट में वित्त मंत्री को देंगे कि कितना केंद्र सरकार के पास बकाया है. उन्होंने कहा कि रॉयल्टी के अतिरिक्त अन्य केन्द्रांश की बकाया राशि को जोड़ दिया जाए तो बकाया बढ़कर लगभग 2 लाख 36 हजार करोड रुपए हो जाएंगे.
नहीं मिला हक तो होगा आंदोलन
उन्होंने कहा कि अब तो सभी चुनाव भी संपन्न हो गया है. आखिर क्यों केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है यह समझ से परे है. अगर अपने हक के लिए आंदोलन का रास्ता भी अख्तियार करना पड़ा तो झारखंड के लोग पीछे नहीं हटेंगे.
रिपोर्ट-पंचम झा