टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : बिहार में विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने के लिए देश के कई मुख्यमंत्री बिहार पहुंच रहे है. इसी कड़ी में आज बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पटना पहुंची. जहां उन्होंने सबसे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व रेल मंत्री के आवास पहुंची. लालू आवास पहुंचते ही ममता बनर्जी ने सबसे पहले लालू यादव पैर छुकर उन्होंने आशीर्वाद लिया. जिसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि लालू यादव से मिलकर उन्हें काफी खुशी हुई. साथ ही उन्होंने कहा कि वे आज भी भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकती है.
लालू जी आज भी दे सकते है भाजपा को टक्कर
पत्रकारों से बात करने के दौरान उन्होंने कहा कि वे लालू जी की काफी इज्जत करती है, लालू जी को वे अपने आदर्श के रूप में मानती है. उन्होंने कहा कि लालू यादव देश के बड़े और काफी सीनियर लीडर है. भाजपा उनके साथ काफी अन्याय की है उन्हें इस उम्र में जेल भेजा गया. जिसके बाद अस्पताल में थे. उनकी तबीयत भी काफी खराब हो गई थी. जिस से हम सभी साफी दुखी थे, और भगवान से उनके स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे थे. लेकिन आज उन्हें स्वस्थ्य देख कर काफी खुशी हुई. साथ ही उन्होंने कहा कि लालू जी आज भी चाहे तो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते है.
बिहार के तारिफों के बाधे पूल
ममता बनर्जी ने बिहार की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार की जनता को वो धन्यवाद देना चाहती है. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में आकर उन्हों काफी अच्छा लगता है. यहां की मिट्टी में एक अपना पन है, या कि मिट्टी में भगवान बोद्ध ने जन्म लिया. साथ ही बिहार के अंदर नालंदा है जहां विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्घायल हुआ करता था. साथ ही उन्होंने बिहार की मिठाई को बहुत पसंद करती है. लालू जी की काफी इज्जत करती हूं. लालू जी, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बहुत खुश हुई.
लालू यादव का आशीर्वाद लेना राजनीतिक मायने में काफी अहम
ममता बनर्जी का इस प्रकार लालू यादव का आशीर्वाद लेने राजनीतिक मायने में काफी अहम माना जा रहा है. जानकारों का आकलन है कि लालू यादव का आशीर्वाद के साथ ममता बनर्जी दिल्ली की राजनीति में अपने दावे की संभावना बनाए रखना चाहती है.
पटना पहुंचने लगे विपक्षी नेता
23 जून को होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए ममता बनर्जी, महबूबा मुफ्ती , अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान गुरुवार को ही पटना पहुंच रहे हैं. इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्किकार्जुन खरगे (राष्ट्रीय अध्यक्ष), अरविंद केजरीवाल, वाम दलों के प्रमुख नेता, अखिलेश यादव, शरद पवार, उद्धव ठाकरे. हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, महबूबा मुफ्ती शामिल हो रही हैं.