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ममता बनर्जी का पीएम से सवाल -कुंभ में खर्च तो ठीक है लेकिन गंगासागर की उपेक्षा क्यों, मुरी गंगा पर पुल का क्या हुआ?

ममता बनर्जी का पीएम से सवाल -कुंभ में खर्च तो ठीक है लेकिन गंगासागर की उपेक्षा क्यों, मुरी गंगा पर पुल का क्या हुआ?

TNP DESK -अभी कुंभ मेले की  खूब चर्चा है.  व्यवस्था के दावे किए जा रहे है.  कुंभ स्नान को जाने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हो, इसके इंतजाम किए जा रहे है.  इस बीच कुंभ के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा मेला  मकर संक्रांति के दिन गंगासागर में लगेगा.  कहावत भी है कि सब तीरथ बार-बार और गंगासागर एक बार.   इधर, पश्चिम बंगाल की  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंगा सागर मेले  को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है.  उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार कुंभ मेले  के विकास पर करोड़ों रुपए खर्च करती है.  लेकिन गंगासागर के लिए एक पैसा भी नहीं देती. 

महंत से क्या अपील की है बंगाल की सीएम 
 
गंगासागर मेले को लेकर मुख्यमंत्री ने वहां के महंत से भी  अपील की है कि वह उत्तर प्रदेश में दान भेजते हैं, जो ठीक है.  लेकिन गंगासागर में भी कुछ पैसा खर्च करे.  उन्होंने सुझाव दिया कि गंगासागर के विकास और कटाव रोकने के लिए स्थाई उपाय किए जाए.  मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि दान का कुछ हिस्सा गंगासागर को संरक्षित करने में खर्च किया जाए तो यह क्षेत्रीय विकास में मददगार साबित हो सकता है.  उन्होंने कहा कि कुंभ मेले पर केंद्र सरकार की ओर से करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं लेकिन गंगासागर के लिए कोई मदद नहीं दी जाती, जबकि इस मेले का महत्व तनिक कम नहीं है. 

बंगाल की मुख्यमंत्री ने उठाये सवाल 
 
उन्होंने इस भेदभाव पर सवाल उठाया और कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार गंगासागर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि केंद्र सरकार से भी उन्होंने इसपर  ध्यान देने की अपील की है.  बता दें कि गंगासागर मेला देश का दूसरा बड़ा हिंदू मेला है.   कुंभ मेले के बाद इसी का स्थान आता है.  देश के विभिन्न राज्यों से कई लाख लोग हर साल मकर संक्रांति के दिन पवित्र स्नान करने के लिए यहां पहुंचते है.  2023 का एक आकड़ा बताता है कि लगभग 52 लाख लोग एकत्रित हुए थे.  यह मेला  पश्चिम बंगाल के गंगासागर में लगता है.   गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम को गंगासागर कहा जाता है.  यह मेला  हर साल मकर संक्रांति पर गंगासागर पर स्थित कपिल मुनि के आश्रम में लगता है.    यहां पहुंचने की सबसे बड़ी बाधा मुरी गंगा नदी है. 

मुरी गंगा नदी पार कर पहुंचते है श्रद्धालु 

 तीर्थ यात्रियों को अपनी  यात्रा में इसी नदी को पार करना पड़ता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने मुरी गंगा नदी पर पुल बनाने का वादा किया था.  लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया गया.  उन्होंने घोषणा की कि  पश्चिम बंगाल सरकार इस पुल  का निर्माण अपने खर्चे पर करेगी, जिससे कि लोगों को राहत मिल सके.  बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला यह त्यौहार सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है.  जहाँ तीर्थयात्री अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते है.  सर्दियों के दौरान आयोजित होने वाला यह मेला तीर्थयात्रियों का एक वार्षिक जमावड़ा है.  जिसमें सागरद्वीप और उसके आसपास कई अनुष्ठान, दीप प्रज्वलित करना और मंत्रोच्चार करना शामिल है. हिंदू पौराणिक कथाओं में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना गया है.  यह नदी गंगोत्री से निकलती है और सागरद्वीप में अपनी यात्रा समाप्त करती है, जहाँ यह बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो   

Published at:07 Jan 2025 04:26 PM (IST)
Tags:DhanbadGangasagarKubhCMPMKumbh mela 2025Bangal cm Mamata BanerjeePm narendra modi
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