टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों पर अगले माह यानी की होली पर खुशियों की बौछार हो सकती है. लाभुकों को एक साथ तीन माह की राशि उनके खाते में भेजी जा सकती है. महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग एक साथ राशि जारी करने पर काम कर रहा है. जानकारी यह भी निकल कर सामने आ रही है कि यदि जिलों से शिवरात्रि (26 फरवरी) तक रिपोर्ट आ जाती है तो शिवरात्रि के पहले ही मंईयां योजना के लाभुकों को दो महीनें (जनवरी और फरवरी) की राशि उनके खाते में भेज दी जाएगी.
लाभार्थियों को एकमुश्त मिलेंगे 7500 रुपये
बताते चलें कि जनवरी से अब तक करीब तीन लाख लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से लिंक हो चुके हैं. इसके बाद भी करीब 20 लाख लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से लिंक होना बाकी हैं. ऐसे में समाज कल्याण विभाग तैयारी कर रहा है कि अगर लाभार्थी को बकाया राशि एक साथ देनी भी पड़े, तो उससे पहले सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर ली जाए. ऐसा करने से किसी अपात्र लाभार्थी को राशि ट्रांसफर नहीं हो पाएगी. यानी जरूरत पड़ने पर जनवरी, फरवरी और मार्च की राशि एक साथ भी दी जा सकेगी. यानी लाभार्थियों को एकमुश्त 7500 रुपये मिलेंगे.
गौरतलब हो कि पहले इस योजना में राशि भेजने की तिथि 8 से 11 के बीच रखी गई थी. लेकिन जैसे-जैसे इस योजना में त्रुटियां आती गईं, यह समय सीमा बढ़ती गई. पांचवीं किस्त का इंतजार भी थोड़ा लंबा होता गया. हालांकि, आखिरकार 7 जनवरी को मुख्यमंत्री ने डीबीटी के जरिए सभी के खाते में पैसे भेज दिए. हालांकि योजना में फर्जीवाड़े के मामले सामने आने लगे जिसको लेकर सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, विभाग ने कैंप लगाकर सभी लाभार्थियों का सत्यापन पूरा करने का आदेश तक जारी कर दिया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सत्यापन का काम पूरा होने के बाद ही लाभार्थियों के खाते में पैसे भेजे जाएंगे.
योजना में लाभुकों की संख्या काफी अधिक है, जिसके कारण इसे पूरा होने में अभी और समय लग सकता है. ऐसे में जब तक योजना के प्रत्येक लाभुक का सत्यापन नहीं हो जाता है, तब तक योजना के किसी भी लाभुक को पैसा नहीं दिया जाएगा. सत्यापन कार्य पूरा होने पर जनवरी, फरवरी और मार्च का पैसा एक साथ भेजा जा सकता है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभुक बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेज के जरिए लाभ ले रहे हैं. बंगाल और बिहार के लोगों ने भी गलत जानकारी देकर इस योजना का लाभ उठाया है. सबसे पहले बोकारो में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था. यहां एक व्यक्ति 90 से अधिक बार आवेदन कर योजना का लाभ ले रहा था. इसके बाद जांच में हजारीबाग, पलामू और गढ़वा में फर्जीवाड़ा सामने आया है.