रांची(RANCHI)- लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है. चुनाव में पैसे का खेल खूब होता है. यह सभी जानते हैं. धनबल को रोकने के लिए लोग निर्वाचन आयोग हर बार बड़े स्तर पर प्रयास करता है. बावजूद इसके देश में चुनाव में धन का दुरुपयोग होता रहा है लेकिन इस बार कड़े निर्देश दिए गए हैं.चुनाव आयोग ने जो निर्देश दिया है वह तो अपनी जगह है ही. इसके अलावा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने भी सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी यानी उपायुक्त को कड़ा निर्देश दिया है.इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी यानी उपायुक्त ने बैंकों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिया है कि 10 लाख या उससे अधिक के लेनदेन पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए. ऐसे किसी भी लेनदेन की जानकारी निर्वाचन कोषांग को देना अनिवार्य होगा.
एक लाख रुपए से अधिक के लेनदेन पर भी नजर
चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू है. ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा जारी नियम और शर्तों का पालन करना अनिवार्य होता है.एक लाख रुपए से भी अधिक के लेनदेन पर नजर रखने को कहा गया है. एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक बैंक खाता से संदिग्ध लेनदेन के संबंध में भी सूचना संग्रहित करनी है.बड़ी रकम की लेनदेन की सूचना आयकर विभाग को भी प्रेषित किया जाना है. आरटीजीएस या नेफ्ट के माध्यम से एक लाख के भी ट्रांजैक्शन पर नजर रखी जाएगी.सभी बैंक अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि संदिग्ध ट्रांजैक्शन के बारे में तुरंत सूचना जिला निर्वाचन पदाधिकारी को दिया जाना चाहिए. सरकारी बैंक के अलावा निजी क्षेत्र के बैंकों को भी यह निर्देश दिया गया है. बैंक प्रतिनिधियों की बैठक में यह भी कहा गया है कि बैंक आने वाले लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष प्रबंध करना चाहिए. बैंक को वोटर अवेयरनेस फोरम गठित करना चाहिए.
एटीएम कैश वैन को भी दिया गया है निर्देश
एटीएम एटीएम में पैसा जमा करने वाले मोबाइल वैन के संबंध में भी निर्देश जारी किया गया है. ऐसे वैन जो पैसा जमा करने के लिए होते हैं, उनके पास सभी कागजात उपलब्ध होने चाहिए. यानी यह आशंका भी जताई गई है कि कैश वैन का दुरुपयोग चुनाव में पैसों की आवाजाही के उपयोग में किया जा सकता है.इसलिए वित्त मंत्रालय ने यह निर्देश दिया है कि बैंकों के एटीएम में कैश भरने वाले वैन के पास उचित और अपेक्षित कागजात होनी चाहिए.