पटना(PATNA): बिहार की राजनीति में अभी घमासान मचा हुआ है. नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा एक दूसरे पर अपने बयानों से पलटवार कर रहे हैं. शुक्रवार को उपेन्द्र कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम नीतीश पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मेरे बारे में कई तरह की बातें चल रही है और उसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री जी से जानना चाहता हूँ की पहले किसने शुरुआत की. मीडिया के माध्यम से बात करना नीतीश कुमार ने ही की थी. पार्टी के किस मंच पर बात करें मुख्यमंत्री जी बता दीजिए. हम खुद आग्रह कर रहे हैं की पार्टी की बैठक की जाए. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए. मुख्यमंत्री से मिलकर हम दिसम्बर के तीसरे सप्ताह में हमने बात की लेकिन उन्होंने बात करने के बाद कहा की आप बीजेपी में जा रहे हैं क्या?
मुख्यमंत्री कसम खाएं की हम जो बोल रहे है वो झूठ है : कुशवाहा
उपेन्द्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि पिछले दो साल के भीतर उन्होंने आजतक कभी फोन करके नहीं बुलाया और ना ही कभी पार्टी की समस्याओं को लेकर कोई बातचीत की. कुशवाहा ने कहा कि हमने हमेशा कहा पार्टी कमजोर हो रही है. कई सलाह दिया. उन्होंने कहा की जेडीयू के सीनियर नेताओं की एक बैठक करेगें लेकिन आज तक उन्होंने ऐसा नहीं किया. कुशवाहा ने यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार को भी संतान है और मुझे भी संतान है, सीएम भी अपने बेटे की कसम खाएं और हम भी कसम खाते हैं, कि वे सच बोल रहे हैं या हम. वहीं कुशवाहा को जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि कोई आए कोई जाए यह लोगों की अपनी इच्छा होती है. पार्टी को इससे कोई मतलब नहीं.
जब जब JDU कमजोर हुआ मुझे बुलाया गया
उन्होंने कहा पिछले बार मुख्यमंत्री ने खुद आग्रह किया था की उपेन्द्र कुशवाहा जी मेरी पार्टी में आ जाएं. हम अपने मन से कभी जेडीयू में नहीं आए हमेशा यानि दोनों बार खुद मुख्यमंत्री ने मुझसे आग्रह किया था आने के लिए. 2020 के बाद मुख्यमंत्री खुद असहाय महसूस कर रहे थे. उपेन्द्र कुशवाहा को स्वयं मुख्यमंत्री ने कहा की पार्टी को संभालिए. जब जब पार्टी कमजोर हुआ मुझे बुलाया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी आप दूसरे के बात पर काम करना बंद कर दीजिए, नहीं तो स्थिति और खराब होगी. अभी तक तो नुकसान की भरपाई सम्भव है लेकिन आगे नहीं होगा.
सीएम नीतीश ने क्या कहा था
वहीं नीतीश ने कहा कि कोई बात हो तो कहना चाहिए था. हर आदमी को अपनी बातें रखने का अधिकार है. पार्टी के लिए इन सब चीजों का कोई मतलब नहीं है. पार्टी के नेताओं को तो हम सम्मान करते हैं हमारा तो प्रेम का भाव रहा है. हमसे कोई बात करेगा तो हम क्यों नहीं करेंगे. इन सब चीजों का कोई महत्व हम नहीं देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सदस्यता अभियान पहले की तुलना बढ़ी है. हम किसी का ना तो नुकसान करते हैं और ना ही अपना लाभ लेते हैं. हमेशा समाज के उत्थान के लिए काम करते हैं और करते रहेंगे.
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को किस पार्टी ने राज्यसभा भेजा था? किसने बिहार विधान परिषद में भेजा? कुशवाहा के बयानों पर हमें भी आश्चर्य लग रहा है. लेकिन जनता दल यू के लिए इन बातों का कोई मतलब नहीं है. सच्चाई है कि हमारे कहने पर इन्हें शामिल किया गया था. पार्टी के लोग इन्हें शामिल करना नहीं चाहते थे. सीएम नीतीश ने मीडिया कर्मियों से कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के मामले में आज के बाद कुछ मत पूछिएगा और मैं कुछ नहीं बोलूंगा. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी किये तो कुछ लोग मेरे खिलाफ हो गया.