रांची(RANCHI): झारखंड में कारोबारियों से लेकर सत्ता पर बैठे राजनेताओं तक ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है. ईडी की इस कार्रवाई से अवैध तरीके से पैसे कमाने वाले लोगों में डर और भय का माहौल है. इसी कड़ी में ईडी ने विशाल चौधरी को बीते कल यानी सोमवार को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया था. हालांकि, वो ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में एक गाना “लो आ गई उनकी याद वो नहीं आए, राह तकती रही ईडी नहीं आए विशाल चौधरी” बहुत सटिक बैठता है. दरअसल, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि ईडी कार्यालय में अधिकारी विशाल की राह ताकते रहें लेकिन विशाल कार्यालय पहुंचा ही नहीं.
ईडी कार्यालय क्यों नहीं पहुंचे विशाल
दरअसल, ईडी ने विशाल और उसकी पत्नी को दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा था. विशाल अपनी पत्नी के साथ थाइलैंड जाने के फिराक में था. लेकिन विशाल को ईडी ने वहीं से उन्हें रोक दिया और 28 नवंबर को पूछताछ के लिए ईडी बुलाया. हालांकि, विशाल ईडी ऑफिस नहीं पहुंचा और ना ही विशाल की ओर से ईडी को कोई पत्र लिखकर सूचना दी गई. ऐसे में अब बड़ा सवाल ये है कि विशाल 28 को क्यों नहीं पहुंचा और वो उस दिन कहां था.
28 नवंबर की पूरी जानकारी ले सकती है ईडी
मिली जानकारी के अनुसार ईडी विशाल को पूछताछ के लिए दोबारा समन कर सकती है. इस बार अगर विशाल कार्यालय पहुंचता है तब ईडी उससे 28 नवंबर को उपस्थित नहीं होने का पूरा कारण पूछ सकती है. इतना ही नहीं ईडी उस दिन का पूरा कॉल डिटेल भी विशाल से मांग सकती है.
पूछताछ में खुल सकते थे कई राज
बता दें कि विशाल से पूछताछ में कई अहम राज खुल सकते हैं. अगर विशाल ईडी के सामने राज खोलता है तो कई राजनेताओं से लेकर अधिकारियों तक की मुश्किलें बढ़ सकती है. ऐसे में हो सकता है कि अभी विशाल को पूरी तरह से समझाया जा रहा होगा कि उसे ईडी के सामने क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है. हालांकि, अब विशाल ईडी दफ्तर कब पहुंचेंगे ये बताना फिलहाल जल्दबाजी होगी. लेकिन ये बात साफ है कि विशाल से जब भी पूछताछ होगी उसमें कई बड़े पद पर बैठे अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं.
विशाल का सत्ता से लेकर अधिकारियों तक में है अच्छी पकड़
बता दें कि विशाल चौधरी की पैठ झारखंड में सत्ता की गलियारों से लेकर अधिकारियों तक है. इसी रसूख का फायदा विशाल चौधरी उठाता था. कोरोना काल में विशाल चौधरी की कंपनी से ही राज्य सरकार ने कोरोना जांच किट की खरीदारी की थी. इसके अलावा झारखंड में गरीब बच्चों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग का जिम्मा भी विशाल की कंपनी विनायक ग्रुप के पास थी. ऐसे में कई बड़े राजनेता से लेकर अधिकारियों तक विशाल का उठना बैठना था. अगर ईडी विशाल से पूछताछ करती है तो कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं.
ईडी ने की थी विशाल के आवास पर छापेमारी
बता दें कि विशाल चौधरी के अशोक नगर स्थित आवास और दफ्तर में 24 मई को ईडी ने छापेमारी किया था. इस छापेमारी में कई दस्तावेज मिले थे. इसमें यह भी बात सामने आई थी कि विशाल चौधरी के आवास पर कई आईएएस और आईपीएस की बैठकी होती थी. कई फाइल को भी अधिकारी इसके आवास पर बैठ कर निपटाते थे.
रघुवर दास से भी थे अच्छे रिश्ते
सूत्रों की मानें तो विशाल चौधरी का पूर्व की रघुवर सरकार के दौरान भी अच्छी पकड़ थी. हालांकि, रघुवर दास की सत्ता जाते ही विशाल ने वर्तमान सरकार और उनके अधिकारियों से रिश्ते बनाने शुरू किए और वो सफल रहा. हालांकि, सबसे बड़ी बात अब ये है कि ईडी विशाल को दोबारा कब समन करती है और क्या विशाल उपस्थित होते हैं.