टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : देशभर में आज यानि 7 नवंबर को ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. कैंसर एक बहुत ही खतरनाक और गंभीर बीमारी है. जितनी ही खतरनाक ये बीमारी है उतना ही खतरनाक इसके लक्षण भी है. WHO की रिपोर्ट की माने तो हर साल लाखों लोगों की इससे मौत हो रही है. आमतौर पर महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरीअन कैंसर और पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण सबसे ज्यादा पाए जाते है. इसके लक्षण को पहचानना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में इलाज सही वक्त पर नहीं हो पाता है फिर इसे रोक पाना मुश्किल हो जाता है. इस जागरूकता अभियान के तहत लोगों को इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जाती है ताकि लोग इससे सावधान रहें.
कैंसर के 4 स्टेज
किसी भी कैंसर मरीज को लेकर आपने डॉक्टर से सुना होगा कि वो किस स्टेज पर है. अब आप ये सोच रहे होंगे की ये स्टेज क्या है, और क्यों मरीजों में स्टेज निर्धारित किया जाता है. कैंसर स्टेज बताता है कि मरीज की स्तिथि कितनी गंभीर है. दरअसल कैंसर के ज्यादातर मामलों में ट्यूमर होता है और इन्हें इसकी गंभीरता के आधार पर चार स्टेज में बांटा गया है.
स्टेज 0 – ये स्टेज है 0 स्टेज. इस स्टेज में आपके शरीर में कैंसर नहीं होता है बल्कि कुछ ऐब्नॉर्मल सेल्स पाए जाते है जिससे कैंसर का खतरा देखा जाता है. सरल भाषा में कहा जाए तो इस स्टेज में कैंसर होने की संभावनाओं का पता चलता है. यदि किसी मरीज में ये 0 स्टेज में ही पता चल गया तो शरीर में कैंसर आने से रोक जा सकता है.
स्टेज 1 – इस स्टेज में शरीर में कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं. यानि मरीज के शरीर में कैंसर का छोटा ट्यूमर पाया जाता है. जिसमें कैंसर के सेल्स सिर्फ एक हिस्से में देखा जाता है. हालांकि इस स्टेज में भी इलाज करना थोड़ा आसान होता है. यदि इस स्टेज तक भी बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज जल्द किया जा सकता है.
स्टेज 2 और 3 - दूसरे और तीसरे स्टेज में, आपके शरीर के ट्यूमर का आकार बड़ा हो जाता है और कैंसर के सेल्स फैलने लगते हैं. इस स्टेज तक कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
स्टेज 4 - चौथे चरण में कैंसर अपने आखिरी स्टेज में होता है. इस आखिरी स्टेज को मेटास्टेटिक कैंसर भी कहा जाता है. यह स्टेज सबसे खतरनाक और जानलेवा है. इसमें कैंसर एक जगह से दूसरे जगह या कह लें दूसरे अंगों में भी फैल जाता है. इस स्टेज में इलाज करना सबसे मुश्किल है. कई मरीजों की इस स्टेज तक आते आते जान चली जाती है.