☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Trending

जानिए बासुकीनाथ धाम का इतिहास, क्या है किंवदंती और कैसे नाग नाथ कहलाए बासुकीनाथ

जानिए बासुकीनाथ धाम का इतिहास, क्या है किंवदंती और कैसे नाग नाथ कहलाए बासुकीनाथ

दुमका(DUMKA): सावन का पवित्र महीना चल रहा है. देश के तमाम शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. दुमका के बासुकीनाथ धाम में राजकीय श्रावणी मेला 2023 की शुरुवात हो चुकी है. देश विदेश से आने वाले शिव भक्त देवघर के बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण के बाद बासुकीनाथ धाम पहुच कर फौजदारी बाबा पर जलार्पण कर रहे हैं.

आज हम आपको बताते हैं बासुकीनाथ धाम का इतिहास. क्या है किंवदंती और कैसे नाग नाथ कहलाए बासुकीनाथ

भक्त की पुकार पर पहुंचे थे नागेश नाथ

दुमका जिला का नाम दुमका क्यों पड़ा. जानकार बताते है कि दुमका दारूका का अपभ्रंश रूप है. किंवदंती है कि प्राचीन काल में इस क्षेत्र में दारूका नामक राक्षसी का वास था. शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि सुप्रिए नामक एक शिव भक्त शिव की आराधना के लिए इस क्षेत्र में पहुचे. जानकारी जब दारूका को मिली तो उसे यह नागवार गुजरा. उसने शिव भक्त को कहा कि इस क्षेत्र में रहना है तो सिर्फ मेरी आराधना करनी होगी. सुप्रीए ने दारूका की बात मानने से इनकार कर दिया. इससे नाराज दारूका ने शिव भक्त को मृत्यु दंड देने का निश्चय किया. कहते है भक्त के बस में भगवान होते है. सुप्रिए की पुकार सुनकर  नागनाथ पहुचे और राक्षसों का संहार किया. भक्त के अनुरोध पर नागनाथ यहीं निवास करने लगे. तभी से यह नागेश नाथ कहलाए।

नागेश नाथ कैसे कहलाए बासुकीनाथ

नागेश नाथ की किंवदंती के बाद हम आपको बताते है नागेश नाथ से बासुकीनाथ कहलाने की कहानी. यह कहानी कम रोचक नहीं. कहा जाता है कि प्राचीन काल में इस क्षेत्र में सघन वन था. एक बार बर्षा नहीं होने से पूरे क्षेत्र में अकाल पड़ गया. लोग दाने दाने को तरसने लगे. कंद मूल खाकर लोग को अपनी जान बचानी पड़ी थी. उसी समय कंद मूल की खोज में वासु नामक एक ब्राह्मण जंगल गया. कंद मूल की तलाश में उसके खंती का प्रहार एक शिला पर पड़ा तो उससे खून की धारा निकल पड़ी. पत्थर से रूधिर की धार बहता देख वासु घबरा गया. डर के मारे वह शिला के ऊपर मिट्टी रख कर वहाँ से चला गया. रात में बाबा स्वप्न में आए और कहा कि तुम डरो मत. मैं नाग नाथ हु. पहले से यहां विराजमान हु. लोग जान नहीं पाए. तुमने मुझे खोज निकाला. जाओ मेरी पूजा करो. इस पर ब्राह्मण ने कहा कि आखिर मैं किस नाम से आपकी पूजा करूँ. इस पर भगवान ने कहा कि तुम अपना नाम नहीं भूल सकते. तुम्हारे द्वारा प्रथम पूजित हुआ हूं. इसलिए मैं बासुकीनाथ के नाम से जाना जाऊंगा. तब से नागेश नाथ बासुकीनाथ कहलाए।

समुद्र मंथन से भी जुड़ा है बाबा बासुकीनाथ का इतिहास

बासुकीनाथ की किंवदंती समुद्र मंथन से भी जुड़ा है. बासुकीनाथ से महज 35 किलोमीटर दूर बिहार के बांका जिला में स्थित है मंदार पर्वत. मान्यता है कि समुद्र मंथन में मंदार पर्वत से हुआ था, जबकि रस्सी के रूप में भोलेनाथ के गले में विराजते वासुकी नामक नाग का. समुद्र मंथन के समय नाग नाथ बासुकीनाथ में ही विराज करते थे. 

बासुकीनाथ धाम ज्योतिर्लिंग है या नहीं

इन तमाम किंवदंती के बीच एक एक बिंदु पर सनातन धर्मबलम्बियों में मत भिन्नता है. देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक नाम है नागेश्वर ज्योतर्लिंग. वर्तमान समय मे गुजरात के द्वारका स्थित ज्योतर्लिंग को नागेश्वर ज्योतर्लिंग मना जाता है. लेकिन बासुकीनाथ के तीर्थ पुरोहित बासुकीनाथ धाम को ही नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते है. इनका मानना है कि आदिगुरु शंकराचार्य के एक श्लोक से भी यह स्पष्ट होता है कि बासुकीनाथ धाम ही नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है. क्या कहना है तीर्थ पुरोहित का, आप भी सुनिए. 

रिपोर्ट: पंचम झा 

Published at:06 Jul 2023 03:03 PM (IST)
Tags:jharkhand dumka basukinath Basukinath Dhamshiv ji history of Basukinath DhamNag Nath कैसे नाग नाथ कहलाए बासुकीनाथक्या है किंवदंतीबासुकीनाथ धाम का इतिहास शिव भक्तबाबा बैद्यनाथश्रावणी मेला 2023 फौजदारी बाबानागेश नाथ
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.