टीएनपी डेस्क(TNP DESK)- कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार धुआंधार चल रहा है. कर्नाटक में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है. सभी राजनीतिक दल मतदाताओं का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और पार्टी के अन्य नेताओं ने चुनावी घोषणा पत्र को जारी किया. सत्तारूढ़ दल भाजपा के द्वारा जबरदस्त चुनाव प्रचार अभियान चलाया जा रहा है. चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली भी हो रही है और रोड शो भी. चुनावी वादों का भी सिलसिला चल रहा है.
कांग्रेस ने जनता से किए कई बड़े-बड़े वादे
कांग्रेस ने मंगलवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. चुनावी घोषणा पत्र में राज्य की जनता से बड़े-बड़े वादे किए गए हैं. कांग्रेस के घोषणा पत्र में कुछ बातें महत्वपूर्ण है जिन पर चर्चा जरूरी है.कॉन्ग्रेस और जेडीएस का गठबंधन यहां पर विधानसभा चुनाव लड़ रहा है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा किया है. इसके अलावा प्रत्येक परिवार में 200 यूनिट तक बिजली का उपभोग निशुल्क रहेगा.
अब जानिए कांग्रेस के घोषणापत्र में संवेदनशील मुद्दा क्या है जिसको लेकर राजनीति गरमाई हुई है
कांग्रेस ने घोषणापत्र में हिंदूवादी संगठन बजरंग दल पर अंकुश लगाने का संकल्प बताया है. यानी अगर कर्नाटक में अगली सरकार कांग्रेस गठबंधन की बनी तो हिंदूवादी संगठन को इस राज्य में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. इस घोषणापत्र में पीएफआई यानी पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन को भी प्रतिबंधित करने का संकल्प लिया है.
भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर किया हमला
भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है. वह मुस्लिम तुष्टीकरण किस दिशा में काम कर रही है. बजरंग दल जैसे संगठन पर प्रतिबंध लगाने की बात दर्शाती है कि कॉन्ग्रेस आज भी हिंदू विरोधी संगठन के रूप में सामने आ रही है. असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने कहा कि इस तरह का घोषणा पत्र तो पाकिस्तान के महान नायक मोहम्मद जिन्ना अभी होते तो ऐसा घोषणा पत्र नहीं बनाते. बजरंग दल की कार्यशैली की तुलना पीएफआई से करना दुर्भाग्यपूर्ण है. कर्नाटक की जनता सारा कुछ देख रही है.अपने वोट के माध्यम से इसका जवाब देगी.