(Tnp sports):-होल्कर स्टेडियम में जिस तरह भारतीय क्रिकेट टीम ने हंगामा किया और ऑसीज टीम को 99 रनों से पटखनी दी. इस शानदार जीत ने एक नजीर ही पेश कर दी. लाजवाब बैटिंग, बॉलिंग का बेहतरीन नजारा दिखा. युवा प्लेयर्स ने तो मानों क्रिकेट महाकुंभ के आगाज से पहले ही अपने जोश का इजाहर कर दिया हो. इंदौर वनडे में आखिर क्या हुआ कि भारत के सामने कंगारू बेबस हो गये और आसानी से मैदान छोड़ दिया, चलिए जीत के पांच कारणो का जिक्र करते हैं.
1.सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल की शानादर बल्लेबाजी
सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल भारतीय टीम का भविष्य हैं. इससे इंकार नहीं किया जा सकता. इस युवा बल्लेबाज ने जिस तरह ऑसीज गेंदबाजों की बेरहम पिटाई की, इससे उनकी बैटिंग की काबिलयत और मौके की नजाकत के साथ कैसे खेला जाता है ये दर्शाता है. उन्होंने 92 गेंद में सेंचुरी ठोका, जिसमे 6 चौके और 4 छक्के मारे. शुभमन 104 रन बनाकर डग आउट लौटे उस वक्त भारत का स्कोर 243 रन था. उनकी पारी की बदौलत ही भारत बड़े स्कोर बनाने में अहम साबित हुआ. भारत की जीत में गिल का प्रदर्शन मिल का पत्थऱ साबित हुआ.
2.श्रेयस अय़्यर का तूफानी शतक
फस्ट डाउन खेलने आए श्रेयस अय़्यर ने भी अपने बल्ले से इस कदर गदर मचाया कि महज 86 गेंद में ही शतक जड़कर रनों की कमी स्कोर बोर्ड पर नहीं होने दी. अपनी तूफानी शतकीय पारी के दौरान श्रेय्यस ने 11 चौके और 3 छक्के जड़े और 105 रन बनाकर पवैलियन की राह पकड़ी. हलांकि, वो तब तक अपना काम कर चुके थे और भारत को बड़े स्कोर के लिए बुनियाद रख दी थी. अय्यर 31 वें ओवर में आउट हुए. भारत की जीत में उनकी इनिंग ने बेमिसाल रोल अदा किया.
3.गिल और अय्यर की साझेदारी
भारत ने इंदौर में पहाड़ सरीखा बड़ा टारगेट सेट किया, 399 रन के इस स्कोर में सबसे बड़ा योगदान पहले विकेट के लिए 200 रन की साझदारी की रही . जो शुभमन गिल औऱ श्रेयस अय्यर के बीच हुई. दरअसल, इसी पार्टनरशिप ने टीम इंडिया को बड़ा टारगेट बनाने में मदद किया और बाद में यही जीत की बुनियाद भी साबित हुई. गिल औऱ अय़्यर ने जमकर कंगारू बॉलर्स की पिटाई की और कीमत 200 रन पहले विकेट के लिए जोड़े. देखा जाए तो ये साझेदारी ही जीत में तुरुप का इक्का भारत के लिए साबित हुआ.
4. मध्यक्रम के बल्लेबाजों की बेहतरीन बल्लेबाजी
दूसरे वनडे में भारतीय बल्लेबाजों का ही धमाकेदार शो रहा. इससे इंकार नहीं किया जा सकता. शुभमन गिल और अय्यर ने शतक जड़ा ही. आगे का काम मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने कर दिया. . सुर्यकुमार यादव ने तो ऐसी धमाल बल्ले से मचाया कि पूरा स्टेडियम उनकी खतरनाक बैटिंग की मुरीद बन गया. उन्होंने महज 37 गेंद में ही नाबाद 72 रन ठोक दिया, जिसमे छह छक्के और छह चौके शामिल थे. सुर्यकुमार के साथ ही कप्तान लोकेश राहुल ने भी सब्र के साथ अपनी बैटिंग की खूबियां दिखाने में पीछे नहीं हटे, राहुल ने बेहतरीन 52 रन की पारी खेली. देखा जाए तो मीडिल आर्डर में शानदार इंनिग्स की बदौलत ही भारत ने 399 रन का पहाड़ सरीखा स्कोर बनाकर कंगारूओं के सामन चुनौती पेश कर डाली.
5. फिरकी गेंदबाजों के जाल में फंसे कंगारू बल्लेबाज
400 रन की चुनौती सामने ऑसीज पहले ही पस्त दिखाई पड़ रही थे. इसके साथ ही घूमती हुई गेंदे कंगारु बल्लेबाजों के लिए सरदर्द साबित हुई. अश्विन और जडेजा की फिरकी के जाल में मेहमान बल्लेबाज फंसते गये . घूमति हुई गेंद उनके सामने मुश्किले पैदा करती रही, जिसके चलते वे अपना विकेट नियमित अंतराल पर गंवाते गये. पिच पर जमकर खेल रहे डेविड वार्नर को 53 रन पर अश्विन ने ऑउट कर मेहमानों की तो मैच में वापसी की सारी उम्मीदों पर ही पानी फेर दिया. वही सीन ऑबट को जडेजा ने 54 रन पर बोल्ड कर जीत का दीदार ही करा दिया. स्पिनर अश्विन और जडेजा ने तीन-तीन विकेट झटके.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में भारतीय टीम की जीत ये पांच फैक्टर अहम साबित हुए, जिसकी काट कंगारु टीम ढूंड नहीं पाई. जिसके चलते पूरे मैच में कही भी जीत की तरफ बढ़ते हुए दिखी ही नहीं. भारत इस जीत के साथ सीरीज पर भी अजेय बढ़त बना ली है.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह