रांची(RANCHI): महिलाओं के साथ दुष्कर्म और छेड़खानी के बढ़ते मामले को देखते हुए साल 2016 में झारखंड पुलिस द्वारा शक्ति एप की शुरुआत की गई थी. इस एप को मुख्य तौर पर महिलाओं की सुरक्षा के ख़ातिर लॉच किया गया था. साथ ही स्कूल, कॉलेज और जॉब करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना था. दरअसल इस ऐप के ज़रिए महिला कमांडों को शहर के स्कूल और कॉलेज के पास तैनात किया गया है. ताकि आपात स्थिति में पड़ी महिला की मदद की जाए. लेकिन अब तक इस एप से महिलाएं अनजान है, उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
महिलाओं में एप को लेकर नहीं है जागरूकता
दरअसल शुरुआती दौर में शक्ति एप का प्रचार कॉलेज और स्कूलों में जा-जाकर किया गया था. सभी महिलाओं को इस एप से अवगत कराने के काफी प्रयास किया जा रहा था, यह आपके सुरक्षा के लिए बेहद ज़रूरी है. इस एप की मदद से अगर आप किसी परेशानी में पड़ जाते हैं. तो, तुरंत आपकी मदद के लिए आपके रिश्तेदार या फिर पुलिस आपके पास पहुँच जाएगी. लेकिन फिर भी महिलाओं में एप के प्रति ख़ासा भरोसा नहीं देखा गया था. बता दे कि 2016 में शक्ति एप को लॉन्च किया गया था, लेकिन 2024 के अंतिम पडाव पर भी मात्र इस एप को 1 हजार से अधिक महिलाओं ने ही अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड किया है. जहां तक शक्ति एप के बारे में बात की जाए तो, ज्यादातर महिलाओं और युवतियों को इस एप के बारे में कुछ जानकारी नहीं है. इस एप का क्या उपयोग होता है और यह एप किसके लिए बनाया गया था.
साफ तौर पर कहा जा सकता है कि जिनके लिए यह एप बनाया गया था उनको मालूम ही नहीं है कि इस एप्लीकेशन के मदद से मुश्किल के समय में उन्हें क्या मदद मिल सकती है.वहीं जिस तरह से महिलाएं शक्ति एप से अंजान है, उसका मुख्य कारण जानकारी का अभाव प्रशासन या सरकार के तरफ से अगर इस एप संबंधी कुछ विज्ञापन या जागरूकता अभियान गांव से शहरों तक फैलाया जाए तो इस एप्लीकेशन को बनाने का उद्देश्य सफल हो पाएगा.
जागरूकता नहीं होने के कारण हो रही कई घटना
दरअसल कुछ दिन पहले ही रांची की छात्राओं के साथ छेड़खानी का मामला सामने आया था. इस छेड़खानी से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जब पुलिस राजधानी में महिलाओं को सुरक्षित नही रख सकती है तो, बाकि जगहों पर महिलाएं कितनी सुरक्षित होगी. यदि झारखंड पुलिस द्वारा लाई गई शक्ति एप की जागरूकता राज्य में होती तो इस तरह की घटना को अंजाम देने से पहले बदमाशों को पुलिस से डर रहेगा. वहीं अगर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वाकई झारखंड पुलिस काम कर रही है तो, उन्हें सबसे पहले शक्ति एप के प्रति लोगों में जागरूकता लाना चाहिए. यदि शहर में एप एक्टिव होता या छात्रों और महिलाओं में इसके प्रति जागरूकता होती तो बदमाशों की हिम्मत नहीं होगी कि वह किसी महिला या छात्रों के साथ छेड़खानी जैसी घटना को अंजाम दे सके.
जानिए क्या हैं शक्ति एप
शक्ति एप के ज़रिए महिलाएं आपात स्थिति में सीधे पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना भेज सकती है. जिसके बाद कमांडो महिला तुरंत मुसीबत में पड़ी महिला के पास पीसीआर लेकर पहुँच जाती है. इस एप को एंड्रॉयड फ़ोन में डाउनलोड किया जा सकता है. डाउनलोड करने के बाद अगर आप शक्ति एप से जुड़ना चाहते हैं तो अपना नाम, मोबाइल नंबर और तीन रिश्तेदारों के मोबाइल नंबर डालकर रजिस्ट्रेशन करना होगा. जिसके बाद आप इस एप का इस्तेमाल कर सकते हैं. दरअसल यह एप आपको बड़ी मुसीबत से बाहर निकाल सकता है, एप में मौजूद आपतकालीन एक बटन दबाकर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी जा सकती है इसके बाद कंट्रोल रूम आपकी लोकेशन के अनुसार आस-पास मौजूद महिला कमांडो को इसकी सूचना देती है जिसके बाद मौक़े पर महिला कमांडो आपके पास पहुंचकर आपकी मदद करने के लिए तैयार हो जाएगी.