रांची(RANCHI): झारखंडवासी पिछले कुछ महीनों से लगातार बिजली संकट से जूझ रहे हैं. राज्य के ज्यादातर इलाकों में 8 से 10 घंटों तक बिजली नहीं है. वहीं, औद्योगिक क्षेत्रों में भी चार से छह घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है. ऐसे में कई उद्योग बंद होने के कगार पर है. वहीं, इन सभी के बीच आ रही खबर के अनुसार राज्य के जेबीवीएनएल उपभोक्ताओं को एक बार फिर जेब ढीली करनी पड़ सकती है. दरअसल, जेबीवीएनएल अपनी बिजली दरों में 15 से 20 फीसदी तक की वृद्धि कर सकती है. अगर वृद्धि होता है तो फिर उपभोक्ताओं का बिल भी बढ़ जायेगा. खैर, नई दर लागू होने में फिलहाल थोड़ा समय लगेगा.
50 लाख से अधिक JBVNL उपभोक्ता
राज्य में झारखंड बिजली वितरण निगम(जेबीवीएनएल) के उपभोक्ता बड़ी संख्या में है. मिली जानकारी के अनुसार राज्य में 50 लाख से ज्यादा उपभोक्ता जेबीवीएनएल के हैं. ऐसे में अगर बिजली दरों में बढ़ोतरी होती है तो इसका सीधा असर राज्य के लाखों उपभोक्ता को होगा. लोगों के बिजली बिल ज्यादा आने लगेंगे.
बिजली चोरी करने वालों को नहीं पड़ेगा कोई फर्क
दरअसल, राज्य में सबसे ज्यादा परेशानी बिजली चोरी की वजह से है. लोग लाइन पोल से सीधे तार खींचकर ले जाते हैं और घरों से लेकर कई कामों में बिजली का इस्तेमाल करते हैं. इसी तरह से पूरे राज्य के कई जगहों पर बिजली की चोरी की जाती है और इसका खामियाजा उन उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है जो ईमानदारी से क्नेकशन लेकर बिजली का इस्तेमाल करते हैं.
ईमानदार उपभोक्ता भरेंगे ज्यादा पैसे
दरअसल, बिजली चोरी की वजह से बिजली कंपनियां घाटे में जाती हैं और इसका सीधा खामियाजा आम और ईमानदार उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है. बिजली चोरी की वजह से कंपनी घाटे में जाती हैं और कंपनी अपना दर बढ़ा देती है ताकि घाटे को कम किया जा सके. इसी चक्कर में आम उपभोक्ताओं को ज्यादा पैसा देना पड़ता है.
विभाग भी करती है लापरवाही
बिजली दरों के इजाफे में केवल चोरी ही वजह नहीं है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है विभाग और कर्मचारियों की लापरवाही. दरअसल, कर्मचारी लगातार अंतराल में पोल और चोरी की चेंकिग करते रहेंगे तो बिजली चोरी में कमी आयेगी. इसके साथ ही ज्यादा बिल बकाया हो जाने के बाद उपभोक्ताओं की बिजली काट दी जायेगी, इससे भी थोड़ी सुधार आ सकती है.
तीन साल से नहीं बढ़ा बिजली दर
वहीं, दरों की बढ़ोतरी पर जेबीवीएनएल अपनी अलग राग अलाप रहा है. कंपनी का कहना है कि उन्होंने पिछले तीन सालों से दरों में बढ़ोतरी नहीं की है, इसलिए बिजली दरों की बढ़ोतरी की बात की जा रही है. वहीं, जेबीवीएनएल की ओर से आयोग के समक्ष दाखिल टैरिफ पिटीशन में खर्च के लिए 9000 करोड़ की जरूरत बताई गई है. इस आधार पर टैरिफ बढ़ाने का आग्रह किया गया है.
JBVNL ने 7400 करोड़ का दिखाया घाटा
जेबीवीएनएल ने दाखिल प्रस्ताव में 7400 करोड़ का घाटा दिखाया है. इसमें साल 2020-2021 में 2200 करोड़, वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 2600 करोड़ और 2022-2023 में में 2500 करोड़ का घाटा दिखाया गया है. इसी आधार पर माना जा रहा है कि साल 2023-2024 के लिए दाखिल टैरिफ पिटीशन में निगम ने 20 प्रतिशत तक दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है.