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सम्मेद शिखरजी मामला : पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में सड़कों पर जैन समाज, राष्ट्रपति को सौंपेंगे ज्ञापन, ओवैसी ने ट्वीट कर दिया समर्थन

सम्मेद शिखरजी मामला : पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में सड़कों पर जैन समाज, राष्ट्रपति को सौंपेंगे ज्ञापन, ओवैसी ने ट्वीट कर दिया समर्थन

टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड के तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में पूरे देश में जैन समाज के लोग सड़क पर हैं. जैन समाज के लोग मुबंई से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं. वहीं, इस विरोध के बीच AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है. सांसद ने जैन समाज के प्रर्दशन को समर्थन दिया है.

बता दें कि दिल्ली में जैन समाज के लोग प्रगति मैदान में इक्ट्ठे हुए और राष्ट्रपति को फैसले के खिलाफ ज्ञापन सौपेंगे. दरअसल, झारखंड सरकार ने सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है. जैन समाज के लोगों का मानना है कि उससे सम्मेद शिखर को नुकसान होगा और साथ ही जैन समाज की भावनाओं को भी ठेस पहुंचेगी.

ओवैसी ने किया ट्वीट

जैन समुदाय के लोगों को AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी समर्थन दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हम जैन समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं और झारखंड सरकार को इस फैसले को रद्द करना चाहिए.

जानिए क्या है विवाद की वजह

कुछ दिनों पहले सम्मेद शिखर के आसपास का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ युवक शराब पीते हुए मस्ती करते नजर आ रहे थे. इसके बाद से ही जैन धर्मावलंबियों का विरोध और मामले को लेकर विवाद शुरू हो गया था. मालूम हो कि सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है. बावजूद इसके सम्मेद शिखर के आस पास कुछ दिन पहले शराब पीते युवक का वीडियो वायरल हुआ था. धर्मस्थल से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ यहां बढ़ी. यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगे.

पवित्र तीर्थ है सम्मेद शिखर

बता दें सम्मेद शिखर जैनियों के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है. जैन इसे पवित्र कैलाश की तरह ही मानते हैं  एवं स्थान पर जैनियों का पवित्र तीर्थ शिखरजी स्थापित है. सबसे अहम बात  इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24  में से 20  तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की. इसी सम्मेद शिखर पर  23 वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था. जो की जनियों के भगवान संत माने जाते हैं. इस शिखर को लेकर जैनियों मे पार श्रद्धा है इसलिए इस  पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं. प्रकृति के सुंदर नजरों के बीच जंगलों,  पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए नौ किलोमीटर की यात्रा तय कर के भक्त शिखर पर पहुंचते हैं. बता दें 2019  में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था. इसके बाद झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुशंसा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया.

जबतक लिखित कार्रवाई नहीं, जारी रहेगा आंदोलन

इधर आंदोलन करने वाले जैन श्रद्धालु अपनी मांग पर अड़े हुए है उनकी मांग है की केंद्र सरकार तत्काल सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र से मुक्त करें जब तक ऐसा नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा. जब तक केन्द्र सरकार अपना नोटिफिकेशन बापिस नहीं लेती है. तब तक यह आंदोलन बापिस नहीं लिया जाना चाहिये. तो वहीं विश्व जैन संगठन का कहना है कि श्री सम्मेद शिखर जी के संरक्षण हेतु जारी विश्वव्यापी ‘श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आंदोलन’ की प्रमुख मांगो को केंद्र सरकार और झारखण्ड सरकार द्वारा संशोधन किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है लेकिन लिखित कार्यवाही होने तक आंदोलन जारी रहेगा.

जानिए क्या है मान्यता

इस पवित्र सम्मेद शिखर जी को लेकर जैन समाज की मान्यता है कि जिस तरह से गंगा जी में डूबकी लगाकर लोगों के पाप धुल जाते है, ठीक वैसे ही शिखर जी की वंदना करके पापों का नाश होता है. बता दें शिखर जी में 27 किलोमीटर की वंदना है,  जिसमें कई मंदिर स्थापित हैं. पारसनाथ पहाडी झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित पहाड़ियों की एक श्रृंखला है. यह की उच्चतम चोटी 1350 मीटर है. यह जैन के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल केंद्र में से एक है. वे इसे सम्मेद शिखर कहते हैं. 23 वें तीर्थंकर के नाम पर पहाड़ी का नाम पारसनाथ रखा गया है. 20 जैन तीर्थंकरों ने इस पहाड़ी पर मोक्ष प्राप्त किया. उनमें से प्रत्येक के लिए पहाड़ी पर एक मंदिर है. पहाड़ी पर कुछ मंदिर 2,000 साल से अधिक पुराने माना जाता है. हालांकि यह जगह प्राचीन काल से बनी हुई है. जैन तीर्थ श्रीसम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने को लेकर जैन समाज में जबरदस्त आक्रोश है. जगह-जगह जैन समाज के लोग विरोध प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे है. इस विवाद को लेकर पूरे देश में विरोध दर्ज हो रहा है.

 

Published at:01 Jan 2023 05:52 PM (IST)
Tags:Jain society Sammed Shikharjijharkhand newsjharkhand latest newsparasnath temple jain samaj delhi jain samaj aimim
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