पटना(PATNA): महागठबंधन की सरकार से इस्तीफा सौंप चुके राजद विधायक सुधाकर सिंह सीएम नीतीश कुमार पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं, हालांकि राजद के द्वारा सुधाकर सिंह के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर एक औपचारिकता पूरी की गयी, लेकिन इसे उसका अंतिम अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया. आज कोई यह बताने की स्थिति में नहीं है कि राजद कब तक सुधाकर सिंह के खिलाफ अपनी कार्रवाई करेगी और करेगी भी या नहीं,
सीएम नीतीश कुमार को किसी भी विधान सभा से चुनाव लड़ने की खुली चुनौती
इस बीच सुधाकर सिंह ने एक बार फिर से सीएम नीतीश को बिहार के किसी भी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की खुली चुनौती पेश कर दी है. साफ है कि सुधाकर सिंह को यह ताकत कहीं और से मिल रही है. किसी बड़ी राजनीतिक हस्ती का उन पर वरदहस्त है. अपने ताजा बयान में सुधाकर सिंह ने दावा किया है कि नीतीश कुमार की सरकार किसान विरोधी है, सरकार ने बिहार की जनता का विश्वास खो दिया है.
जदयू एमएलसी नीरज कुमार का पलटवार
सुधाकर सिंह के इस आरोप के बाद जद (यू) प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया, नीरज कुमार ने इस ट्विट में सुधाकर सिंह, उनके पिता और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी टैग किया.
कथित चावल घोटालों की दिलाई याद
ट्वीट में नीरज कुमार के द्वारा सुधाकर सिंह के स्वामित्व वाली चावल मील में कथित घोटालों की याद दिलाई गयी. नीरज कुमार ने लिखा कि आपके मंत्री बनने के बाद इसी मामले को लेकर भाजपा के द्वारा आपका विरोध किया गया था. यह नहीं भूले कि "आप 420 (धोखाधड़ी) के एक मामले में आरोपी हैं. जिस तरह से आपने अपने भ्रामक बिंदुओं को पुख्ता करने के लिए आंकड़ों का उपयोग किया, वह यह दर्शाता है कि आप अपने दिमाग से भी 420 बन गए हैं"
साफ है कि जदयू की ओर से मोर्चा खोल दिया गया है, अब सुधाकर सिंह को उन्ही की भाषा में जवाब देने की तैयारी की जा रही है, जदयू की रणनीति उनके खिलाफ चावल घोटाले के मामले को उछाल कर बैकफुट पर लाने की है.
क्या है चावल मिल घोटाला
दरअसल, सुधाकर सिंह पर दो राइस मिल के माध्यम से सरकार के 5 करोड़ 31 लाख एक हजार 286 रुपये के घोटाले के आरोप में प्राथमिकी दर्ज है. राज्य खाद्य निगम के डीएम ने 27 नवंबर 2013 को सुधाकर सिंह पर रामगढ़ थाने में केस दर्ज किया था. अभी इस मामले में सीजीएम कोर्ट में सुनवाई हो चल रही है. सुधाकर सिंह को जब महागबंधन की सरकार में मंत्री बनाया गया था तब भाजपा ने इसे लेकर बड़ा बबाल काटा था, अब जदयू इस मामले को आगे बढ़ाकर सुधाकर सिंह के खिलाफ अपना हिसाब बराबर करना चाहती है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार