पटना(PATNA): उपेन्द्र कुशवाहा के साथ ही बिहार में जिस एक नाम पर आज सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वह है चिराग पासवान की. वही चिराग पासवान जो अपने को बहुत ही गर्व के साथ ‘मोदी का हनुमान’ बतलाते हैं. वही चिराग पासवान जिसके द्वारा कभी भाजपा पर अपने पिता रामविलास पासवान और भीमराव अम्बेडर की तस्वीर को अपमान करने का आरोप लगाया गया था. वही चिराग पासवान जो दशकों से दिल्ली में काबिज अपना बंगला खाली करवाने पर भाजपा पर भड़क गये थें, नाराजगी इतनी थी कि उनके द्वारा दिल्ली से बंगला खाली कर लौटते ही पटना की सड़कों पर भूचाल लाने की कोशिश की गयी. वैसे उनके तमाम प्रयासों के बावजूद बिहार की सड़कों पर कोई बवाल नहीं मचा.
वहीं चिराग पासवान जो अपने पिता रामविलास पासवान की दलित राजनीति पर अपना दावा ठोंकते रहे हैं, लेकिन चाचा पारसनाथ के द्वारा हर बार इस दावे को खारिज कर दिया जाता है. वही चिराग पासवान जिनके द्वारा बिहार विधान सभा उपचुनाव में भाजपा के साथ मिलकर नीतीश कुमार के खिलाफ प्रत्याशी उतार जदयू को कमजोर करने की साजिश का आरोप लगता रहा है. जब जदयू यह कह रही थी कि उनके खिलाफ ये सारे प्रत्याशी लोजपा के नहीं होकर भाजपा के हैं. भाजपा की कोशिश जदयू को कमजोर कर किसी प्रकार बिहार की राजनीति में अपनी जगह बनाने की है.
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही बदल गयी चिराग की राजनीति
आज फिर से चिराग की चर्चा भाजपा को लेकर हो रही है, माना जा रहा है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद भाजपा के पास अब कोई ज्यादा विकल्प नहीं है. यदि चिराग के साथ भाजपा की साझेदारी जम जाती है तो भाजपा को दलित जातियों में से एक हिस्से का कुछ मत प्राप्त हो सकता है, साथ ही बुथ स्तर पर उसकी मजबूती और भी धारदार हो सकती है.
पटना के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि चिराग पासवान का केन्द्रीय मंत्री बनना लगभग तय है, सिर्फ इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है. यही कारण है कि चिराग को सुरक्षा प्रदान कर दी गयी है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल से किसकी छुट्टी
माना जा रहा है कि नये मोदी मंत्रिमंडल में बिहार से कुछ और नामों को जोड़ा जा सकता है, साथ ही कुछ चेहरों की छुट्टी भी होनी तय है. पार्टी नेतृत्व बिहार से भी मंत्रियों के रिप्लेसमेंट ऑप्शन पर चर्चा कर रही है, भाजपा की कोशिश बिहार में पिछड़ा-अतिपिछड़ा के समीकरण को भी साधना है. केंद्रीय मंत्री आर.के सिंह के विकल्प के रूप में जनार्दन सिग्रीवाल को शामिल करने की बात की जा रही है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के विकल्प के तौर पर आरके सिन्हा और विवेक ठाकुर का नाम आ रहा है. साथ ही केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के बदले रामकृपाल यादव को मौका दिया जा सकता है. अति पिछड़ा वर्ग से प्रदीप सिंह और अजय निषाद का भी चर्चा में है. अश्विनी चौबे और आरके सिंह का मंत्रीमंडल से विदाई तय मानी जा रही है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार