टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-झारखंड के सबसे चर्चित अभी 5 सितंबर को होने वाला डुमरी विधानसभा का उपचुनाव है. जहां घमसान के लिए मैदान सज गया है, सभी अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रुप देने के लिए भिड़े हुए है. मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट करने के लिए रणनीति N.D.A और I.N.D.I.A ने कमर कस ली है. दरअसल, पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी. टाइगर जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी चुनावी मैदान में जेएमएम की तरफ से ल़ड़ रही है. उनके सामने मुकाबला भी एक महिला से ही होने वाली है. जो आजसू की टिकट पर लड़ रही है. इस महिला का नाम यशोदा देवी. पिछले डुमरी विधानसभा चुनाव में भी यशोदा ने जगरनाथ महतो से दो-दो हाथ कर चुकी है. टाइगर को तो यशोदा रोक नहीं पाई . लेकिन, इस चुनाव में दूसरे पोजिशन पर रही. अब यशोदा का मुकाबला एकबार फिर दिवंगत जगरनाथ महतो की वाइफ बेबी देवी से है. यानि मुकाबला एक महिला का दूसरी महिला से हैं.
17 अगस्त को नामांकन
डुमरी उपचुनाव में मुकाबला जेएमएम और आजसू के बीच होगा . ये तो लगभग-लगभग तय ही है. ऐसा कोई सीन नहीं दिख रहा है कि कोई तीसरा भी टक्कर में है. 17 तारीख को बेबी देवी और यशोदा देवी दोनों चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरेगी. यानि इसी दिन से गहमागहमी औऱ जीत-हार की मश्शकत 5 सितंबर को चलेगी . इसके बाद ही 8 सितंबर को विजेता का फैसला होगा. राजनीति का ककहरा बेबी देवी तो नहीं जानती है औऱ न ही उनता तजुर्बा उनके पास. लिहाजा, चुनौतिया तो उनकी राह में आय़ेगी ही. लेकिन, एक दूसरा पक्ष मजबूत ये है उनके दिवंगत पति जगरनाथ महतो के आसमयिक निधन के बाद साहनूभूति वोट उनके पक्ष में जा सकता है. लिहाजा, अभी अनुमानों और आंकड़ों के खेल में यशोदा से बेबी आगे चल रही है. हालांकि, यशोदा देवी को सियासत का अनुभव है औऱ एक चुनाव भी वह लड़ चुकी है. लिहाजा तजुर्बे के मामले में बेबी से वो आगे हैं.
कौन है यशोदा देवी ?
आजसू उम्मीदवार यशोदा देवी दिवगंत नेता दामोदर महतो की पत्नी हैं. दामोदर महतो एक जुझारु और कर्मठ नेता थे. वे आजसू के केन्द्रीय महासचिव औऱ डुमरी विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी रह चुके हैं. वे अविभाजित बिहार में जदयू संग भी जुड़ चुके हैं, नया झारखंड बनने के बाद वह आजसू में शामिल हो गए. दामदोर महतो की डुमरी विधानसभा में अच्छी पकड़ थी औऱ वहां का आम आवाम भी उन्हें चाहता था. साल 2018 में आसमयिक निधन के बाद 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यशोदा देवी आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ी. उन्होंने जगरनाथ महतो को कड़ी टक्कर दी और दूसरे स्थान हासिल किया . जगरनाथ महतो को 71,128 वोट मिले थे, जबकि यशोदा देवी को 36,840 मत मिले थे. देखा जाए तो यशोदा देवी को राजनीति विरासत में ही मिली, औऱ तजुर्बा पिछले विधानसभा चुनाव में हासिल किया. अब उसी सबक को साधकर आनेवाले चुनाव में लड़ेगी.
किसका पलड़ा भारी ?
राज्य का छठा उपचुनाव डुमरी विधानसभा का है. यहां सिर्फ दो महिला प्रत्य़ाशियों के बीच ही कांटे की टक्कर नहीं है, बल्कि झारखंड में N.D.A और I.N.D.I.A के बीच पहला मुकाबला भी है. लिहाजा, लड़ाई कोई आम नहीं है. यानि दोनों गठबंधन जीत के लिए पूरी ताकत झोंके देंगे . क्योंकि इसे लोकसभा चुनाव से पहले झांकी के तौर पर माना जा रहा है. जो यह बहुत हद तक बतायेगा कि जनता का मूड किस तरफ करवट लिए हुए हैं. जहां तक बात किसका पलड़ा भारी है, तो लाजमी है कि साहनुभूति की लहर पर बेबी देवी सवार है, यशोदा के मुकाबले उन्हें इसका फायदा मिल सकता है.
रिपोर्ट-शिवपूजन सिंह