Ranchi- राज्य की हेमंत सरकार अपने पूर्व शिक्षा मंत्री टाईगर जगरनाथ महतो के सपनों को पूरा करने की दिशा में बढ़ती नजर आ रही है. सरकार बहुत जल्द पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी और कस्तूरबा विद्यालय कर्मियों को ईपीएफ और पेंशन का तोहफा प्रदान कर सकती है. झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से इन कर्मियों से जुड़े विभिन्न कर्मचारी संगठनों से बात की जा रही है, हालांकि झारखंड शिक्षा परियोजना पहले ही इस प्रस्ताव को वित्त विभाग को भेज चुकी है, माना जा रहा कि वित्त विभाग से स्वीकृति मिलते ही दूसरे कई तकनीकी बाधाओं को दूर कर इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जायेगी. विभिन्न कर्मचारी संगठनों के द्वारा झारखंड शिक्षा परियोजना को इस बात का आश्वासन दिया गया है कि सरकार की ओर से इस संबंध में जो भी नियम बनाया जायेगा, कर्मचारी संगठनों को वह मान्य होगा.
कर्मियों और सरकार के अंशदान से होगी इसकी व्यवस्था
इसके लिए सरकार की ओर से एक कल्याण कोष का भी गठन किया गया है, जिसमें कर्मी हर माह 500 रुपये का अंशदान करेंगे, जबकि सरकार की ओर से 10 करोड़ की राशि कॉरपस फंड में जमा की गयी है. इस प्रकार कर्मियों का अंशदान और कॉरपस फंड की राशि का ब्याज से कर्मियों को पारिवारिक पेंशन का भुगतान के साथ ही किसी कर्मी की दुर्धटना में मौत पर सात लाख की राशि का भुगतान किया जायेगा. ईपीएफ के लिए कर्मियों का मानदेय से 12 फीसदी राशि की कटौती की जायेगी, जबकि 13 फीसदी राशि का भुगतान सरकार के द्वारा किया जायेगा.
यहां बता दें कि पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का सपना था कि शिक्षकों और और शिक्षा विभाग से जुड़े दूसरे कर्मियों को ईपीएफ और पेंशन का भुगतान किया जाय, हालांकि उनके रहते यह सपना पूरा नहीं हो सका, लेकिन सरकार अब पूर्व शिक्षा मंत्री को सपने को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाती नजर आ रही है.