रांची(RANCHI): राज्य के राज्यपाल रमेश बैस जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की मौजूदा स्थिति पर कल यानी बुधवार को समीक्षा बैठक करेंगे. इस दौरान राज्यपाल 5वीं अनुसूची के अंतर्गत जनजातीय समुदाय के लिए विभिन्न योजनाओं से क्या फायदा मिल रहा है इसकी समीक्षा करेंगे. इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के अलावा संबंधित विभाग के सचिव, पदाधिकारी और जानकार मौजूद रहेंगे. मिली जानकारी के अनुसार बैठक के दौरान अनुच्छेद 275 के अंतर्गत मिले अनुदान और इसके तहत ली गई योजनाओं का समीक्षा करेंगे. इसके अलावा राज्यपाल अलग-अलग योजनाओं की समीक्षा करेंगे.
राज्यपाल पहले भी जता चुके हैं आपत्ति
बता दें कि यह बैठक कई मायनों में अहम होने वाला है. दरअसल, राज्यपाल कुछ दिनों पहले ही टीएसी की नई नियमावली के गठन के संबंध में पहले भी आपत्ति जता चुके हैं. राजभवन ने कहा था कि सरकार ने टीएसी की नई नियमावली बनाने से पहले राज्यपाल की सहमति नहीं थी. दरअसल, राज्यपाल ने कहा था कि टीएसी में कम से कम दो एसटी समुदाय के प्रतिनिधित्व करने वाले को नियुक्ति या नामित करने की शक्ति राज्यपाल के पास होनी चाहिए.
क्या है TAC?
TAC यानि कि ट्राइबल एड्वाइज़री काउन्सिल, हिन्दी में जनजाति सलाहकार परिषद, ये वो आयोग या संवैधानिक संस्था है जिसे राज्य में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति से संबंधित ऐसे मामलों पर सलाह देने के लिए गठन किया गया है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 4 के प्रावधानों के अनुसार भारत के संविधान की पांचवीं अनुसूची के अनुच्छेद 244 (1) के तहत, अनुसूचित क्षेत्रों वाले प्रत्येक राज्य में जनजाति सलाहकार परिषद (टीएसी) की स्थापना की जाएगी. वहीं, संविधान के अनुच्छेद 4, भाग बी, उप-अनुच्छेद (2) के प्रावधान में प्रावधान है कि राज्य में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति से संबंधित ऐसे मामलों पर सलाह देना जनजाति सलाहकार परिषद का कर्तव्य होगा.
TAC के सदस्य
TAC के सदस्यों की बात करें तो जनजाति सलाहकार परिषद में 20 से अधिक सदस्य नहीं होंगे. जिनमें से लगभग, जैसा कि हो सकता है, तीन-चौथाई राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधि होंगे. बशर्ते कि राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधियों की संख्या सीटों की संख्या से कम हो, ऐसे प्रतिनिधियों द्वारा भरी जाने वाली टीएसी में शेष सीटें उन जनजातियों के अन्य सदस्यों द्वारा भरी जाएंगी.
इसके अनुसार आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान जैसे अनुसूचित क्षेत्रों वाले 10 राज्यों में जनजाति सलाहकार परिषद (टीएसी) का गठन किया गया है. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और उत्तराखंड राज्यों में कोई अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्र नहीं होने के कारण भी वहां जनजाति सलाहकार परिषद का गठन किया गया है.