रांची(RANCHI): झारखंड यानी जंगलों का प्रदेश, यहां का नारा है “जान देंगे पर जमीन नहीं देंगे.” लेकिन इसी राज्य में जमीन का ऐसा गंदा खेल हो रहा है, जिससे राज्य के ज्यादातर लोग अनजान हैं. दरअसल, राज्य के कई जिलों में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से सीलिंग, गैरमजरुआ जमीन पर आलीशान बंगला बन रहा है और अधिकारी पूरे मामले पर मौन बैठे हुए हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि जिन जमीन पर आलीशन महलनुमा घर बने हुए हैं, उन जमीन का ना तो म्यूटेशन हुआ है और ना ही उनका नक्शा पास है. इसके बावजूद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
सरकारी अफसरों की है मिलीभगत !
दरअसल, सवाल ये खड़ा होता है कि जिन क्षेत्रों में इतने आलीशान घर बन चुके हैं, उस दौरान वहां के अफसर क्या कर रहे थे. इतने लंबे समय तक उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. ऐसे कई सवाल हैं जो सरकारी अफसरों की कार्रवाई और नियत पर सवालिया निशान खड़े करते हैं. ऐसे में उनकी संलिप्ता पर भी बात आ सकती है.
भू-माफिया से भी अफसरों की मिलीभगत
राज्य में बड़ी संख्या में सरकारी जमीनों की ब्रिकी हुई. इसमें सबसे बड़ी भूमिका रही भू-माफियाओं की. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले भू-माफियाओं ने सरकारी अफसरों से मिलकर पूरा प्लान बनाया फिर इस राज्य के सरकारी जमीनों के अवैध खरीद-ब्रिकी के खेल शुरू हुआ जो अभी तक चालू है. दरअसल, खबरों की मानें तो नामकुम अंचल के बड़गांवा मौजा की 500 करोड़ मूल्य की करीब 100 एकड़ जमीन की भी दस्तावेज गायब हैं. अब यह मामला पूरा तूल पकड़ने लगा है.
टैगोर हिल से भी सामने आया था मामला
बता दें कि कुछ दिन पहले भी हमने खबर दिखाया था कि कैसे टैगोर हिल के पहाड़ों को काट कर घर बनाया जा रहा है. बावजूद इसके अधिकारी और सरकार मौन हैं. बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर बना लिए हैं. लेकिन सवाल ये है कि जब वहां मकान और पहाड़ों की कटाई चल रही थी तब अधिकारी कहां थे. हालांकि, कुछ दिन पहले इस पर अधिकारियों से जवाब मांगा गया है.