टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-पीपीएफ यानि पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक बेहतरीन बचत योजना है. जो लोग अपने पैसे का तनीक भी जोखिम लेना नहीं चाहते और टैक्स भी बचाने की ख्वाहिश रखते हैं. उनके लिए पीपीएफ में निवेश और पैसे की बचत काअच्छा विकल्प साबित होगा . इसकी सबसे अच्छी खासियत ये है कि, आपके जमा पैसे की सुरक्षा की गारंटी भारत सरकार देती है.आजकल देखा गया है कि लोग शेयर बाजार, म्यूचूअल फंड या ईटीएफ जैसे मार्केट संबंधी विकल्प को दरकिनार करते हैं. क्योंकि इसमे जोखिम रहता है, जिससे इंकार नहीं किया जा सकता. लिहाजा, ऐसे हालात में लोग वैसी चिजों में पैसा डालना चाहते हैं. जहां उनके मेहनत के पैसे डूबने का तनीक भी डर नहीं रहता है. पीपीएफ इसके लिए एक शानदार विकल्प है. जो लोग कम वक्त में ही इस योजना में पैसा जमा करते हैं. उन्हें बिना जोखिम के बढ़िया पैसा मिलता है .
आईए जानते हैं पीपीएफ की कुछ खास बातें
आप पीपीएफ में साल भर में अधिक से अधिक देढ़ लाख रुपए जमा कर सकते हैं. इसके तहत इनकम टैक्स की धारा 80 C के तहत टैक्स बचाया जा सका है. पीपीएफ में अभी सालाना 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. इसे कोई भी इंसान 500 रुपये से शुरु कर सकता है. इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि इसमे साल में एकबार या फिर कई बार भी पैसा डाल सकते हैं.पीपीएफ अकेले या संयुक्त नाम से भी खोला जा सकता है, इसे खोलने के लिए आपको ज्यादा भटकने जरुरत नहीं है. आप अपने नजदीकी बैंक या पोस्ट ऑफिस में भी खाता खोल सकते हैं. पीपीएफ को बैंक से पोस्ट ऑफिस या पोस्ट ऑफिस से बैंक में भी ट्रांसफर किया जा सकता है. पीपीएफ खाता 15 साल की अवधि का होता है, इसके बाद पैसा निकाला जा सकता है. अगर आप आगे भी इसे चलाना चाहते हैं, तो पीपीएफ खाते को 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए कितने भी बार भी बढ़ा सकते हैं.
कैसे बनें करोड़पति
पीपीएफ में इस वक्त 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है, लिहाजा ऐसे में अगर हर साल 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जाए, तो 25 साल में 1 करोड़ रुपये का फंड तैयार हो सकता है.ऐसा करने में पीपीएप में मूलधन के रूप में आपका 37.50 लाख रुपये जमा होगा. वहीं 25 साल में ब्याज के रूप में करीब 65.58 लाख रुपये जमा होंगे. इस तरह से 25 साल में यह फंड करीब 1.03 करोड़ रुपये हो जाएगा. इसमे न तो आपको कोई रिस्क है और न ही किसी और तरह का झंझट है. बस सालाना इसमे आप निवेश करिए, इसके बाद आप खुद ब खुद जान जायेंगे कि पीपीएफ कितने काम की चीज है.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह