रांची - झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन मामले को लेकर ईडी की जांच तेज होती जा रही है. मंत्री आलमगीर आलम जेल में हैं. उनके सरकारी आप्त सचिव संजीव लाल भी जेल में हैं.आप्त सचिव के कथित सहायक जहांगीर आलम भी जेल में है.मालूम हो कि छापेमारी में 32 करोड़ से अधिक कैश बरामद किए गए हैं.उधर ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन को भी बुलाया गया था. 28 मई को उनसे लगभग 9 घंटे की पूछताछ हुई.उसके बाद आज यानी 3 जून को उनसे पूछताछ कर रही है.
मनीष रंजन को क्या दिया गया है निर्देश
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मनीष रंजन फिलहाल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में सचिव हैं. इससे पहले मनीष रंजन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में सचिव थे. उससे पहले ग्रामीण विकास विभाग में सचिव थे. सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने बहुत सारे काम हुए. वर्तमान गठबंधन सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के साथ उन्होंने सचिव के रूप में काम किया है.प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया. 29 मई को दूसरे समन पर पूछताछ के लिए पहुंचे थे. अब उन्हें कहा गया है कि अपने आय के तमाम स्त्रोत और निवेश के विषय में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं.
मंत्री के सामने बैठा कर मनीष रंजन से की गई थी पूछताछ
ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन और विभागीय मंत्री आलमगीर आलम को आमने-सामने बैठ कर टेंडर कमीशन के बारे में पूछताछ की गई. सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सवालों के जवाब में मंत्री भी अटकते रहे और पूर्व सचिव मनीष रंजन भी.
3 जून को भी मनीष रंजन से पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने सवालों की सूची तैयार की है.यह भी बताया जा रहा है कि ग्रामीण विकास विभाग के दो अन्य पूर्व सचिवों से भी पूछताछ की जा सकती है.