कैमूर(KAIMUR): इस कलयुग के रियल जिंदगानी में पत्नी की वेवफाई ने एक पति को घुट घुट कर मरने को विवश कर दिया. आलम यह है कि पति अपने दो मासूम बच्चों के साथ इस कड़ाके की ठंड में भीख मांगने को विवश हैं अपने चार साल का बेटा अंश एवं छह माह की बेटी कृति को अपने गोद में लेकर पूरे बाजार में घूम-घूम कर भीख मांग रहा है. इस दौरान वे अपनी पत्नी की गुमशुदगी का पोस्टर भी लेकर घूम रहा है. यह बातें आपको फिल्म की क्लाइमैक्स की तरह जरूर लगता होगा लेकिन यह बात बिल्कुल सत्य है. रामगढ़ थाना क्षेत्र के ड़हरक गांव के रहने वाला कृष्ण मुरारी गुप्ता अपने पत्नी के बेवफाई से परेशान है. आलम यह है कि वह घर बार छोड़कर रामगढ़ बाजार में अपनी पत्नी का पोस्टर लेकर घूम रहे हैं और लोगों से भीख मांग रहे हैं उनकी पत्नी पिछले कई महीनों से गायब है जिसका अभी तक कुछ पता नहीं लगाया जा सका है. उसके बैनर पर लिखा है कि 'हमारा देश आजाद है, पर हम पुरुष आजाद नहीं है, शौक नहीं मजबूरी है बच्चों की परवरिश जरूरी है. देना है तो काम दीजिए नहीं तो दान दीजिए'.
2017 में हुई थी कृष्ण मुरारी गुप्ता की शादी
कृष्ण मुरारी गुप्ता और उसकी पत्नी कैमूर जिले के ही रहने वाले हैं. दोनों की शादी 2017 में लव मैरिज से हुई थी. कृष्ण मुरारी गुप्ता जिले के रामगढ़ थाने का निवासी है. वहीं उसकी पत्नी नुआव थाने की निवासी है. कृष्ण मुरारी गुप्ता कि पत्नी शादी के एक वर्ष बाद से ही कई बार उसे छोड़ कर चली जा चुकी है. कई बार तो प्रशासनिक हस्तक्षेप के बड़े गृहस्थी जोड़ी को मिलाने का कार्य किया जा चुका है अपने पहले पुत्र अंश को जन्म देने के छह माह बाद भी वह घर छोड़ के चली गयी थी. इस दौरान दोनों में खटास इस कदर उत्पन्न हुई कि वह अपने पति को किसी नुकीली चीजों से हमला कर फरार हो गयी.
दोनों मासूम की अकेला परवरिश करता है पीड़ित कृष्ण मुरारी
वहीं कृष्ण मुरारी ने बताया कि मैं अपने दोनों मासूम बच्चों के साथ भीख मांग रहा हूं ताकि इन दोनों की परवरिश एक अच्छे ढंग से हो सके। मेरी पत्नी शादी के बाद से ही मेरे ऊपर कहर बनकर टूट पड़ी है जो आज मेरी हालत भिखारी से बदतर हो गई है दोनों बच्चों के जन्म के बाद से ही मैं अकेला परवरिश कर रहा हूं पत्नी बच्चों को जन्म देने के बाद से ही फरार चल रही है और 5 साल में लगभग 30 से 35 बार घर से भाग चुकी है .