रांची (RANCHI): इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों में तकनीकी और नेटवर्क संबंधी समस्याओं के कारण देशभर में यात्रियों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ा. शुक्रवार को अकेले एक ही दिन में 400 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे दिल्ली समेत कई बड़े एयरपोर्ट पर लंबी कतारें और अफरातफरी का माहौल बन गया. यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा और कई लोग अपने निर्धारित समय पर उड़ान नहीं पकड़ पाए. इससे पहले भी इंडिगो 500 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर चुकी है. एयरलाइन ने बयान जारी कर माना कि पिछले दो दिनों में उसका नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इंडिगो ने यात्रियों से माफी मांगते हुए DGCA को भरोसा दिया कि 8 दिसंबर से देरी की समस्या खत्म होगी और 10 फरवरी तक संचालन सामान्य होने की उम्मीद है. कंपनी ने माना कि FDTL नियमों के दूसरे चरण को लागू करते समय गलत योजना और फैसलों के कारण यह स्थिति बनी.
देशभर के एयरपोर्ट्स पर असर
मुंबई एयरपोर्ट: 5 दिसंबर को 53 प्रस्थान और 51 आगमन मिलाकर कुल 104 उड़ानें रद्द हुईं.
बेंगलुरु एयरपोर्ट: 5 दिसंबर को 52 आगमन और 50 प्रस्थान उड़ानें कैंसिल की गईं.
हैदराबाद एयरपोर्ट: 43 आगमन और 49 प्रस्थान उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.
पुणे एयरपोर्ट: 5 दिसंबर रात 12 बजे से सुबह 8 बजे तक 16 आगमन और 16 प्रस्थान फ्लाइट्स रद्द रहीं.
तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट: 4 दिसंबर को इंडिगो की 5 आगमन और 5 प्रस्थान उड़ानें देर से चलीं.
5 दिसंबर को अब तक 3-3 उड़ानें लेट रहीं और 2 आगमन व 2 प्रस्थान उड़ानें रद्द हुईं
एयरलाइन ने माना कि पिछले दो दिनों से उनका संचालन बाधित रहा है. इंडिगो ने यात्रियों से माफी मांगते हुए बताया कि 8 दिसंबर से उड़ानों का समय अनुसार संचालन शुरू होगा और 10 फरवरी तक पूरी तरह सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी. एयरलाइन ने इस अव्यवस्था के पीछे FDTL नियमों के दूसरे चरण के क्रियान्वयन में हुई गलतियों और योजना की कमी को मुख्य कारण बताया. देश के अलग-अलग एयरपोर्ट्स पर स्थिति भी चिंताजनक रही. मुंबई एयरपोर्ट पर 104 उड़ानें रद्द हुईं, बेंगलुरु में 102 उड़ानें और हैदराबाद में 92 उड़ानें कैंसिल रहीं. पुणे और थिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर भी कई उड़ानें देर से उड़ीं या रद्द हुईं. इंडिगो का कहना है कि यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं और जल्द ही संचालन पूरी तरह सामान्य हो जाएगा. इस बड़े व्यवधान ने देशभर के यात्रियों की योजनाओं को प्रभावित किया और एयरलाइन के लिए चुनौती बढ़ा दी.
जानिए क्या है वजह :
इंडिगो एयरलाइन को पिछले कुछ दिनों से उड़ानों के संचालन में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्य कारण है नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम, जो पिछले महीने से लागू हुए हैं. इन नियमों के आने के बाद एयरलाइन को पायलटों और केबिन क्रू की भारी कमी महसूस हो रही है, इसलिए उड़ानें समय पर नहीं उड़ पा रहीं और कई को रद्द करना पड़ रहा है.
क्या है FDTL नियम?
भारत में DGCA जैसी संस्था उड़ान सुरक्षा के लिए FDTL नियम लागू करती है. इन नियमों में यह तय किया जाता है कि पायलट और क्रू एक दिन में कितने घंटे उड़ान भर सकते हैं, कितनी ड्यूटी कर सकते हैं और उन्हें न्यूनतम कितना आराम मिलना चाहिए. इसका उद्देश्य है कि पायलट थकान से मुक्त रहें और उड़ान सुरक्षित रहे.
इन नए नियमों से पायलटों के लिए रोस्टर तो बेहतर हुआ है, लेकिन इंडिगो के पास क्रू की संख्या कम होने के कारण उड़ानों का संचालन प्रभावित हो रहा है.
स्टाफ की कमी या कुछ और?
कई एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, सबसे बड़ी समस्या क्रू की कमी है. कई उड़ानों में केबिन क्रू उपलब्ध नहीं था, इसलिए उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. एयरलाइन अलग-अलग शहरों से स्टाफ बुलाकर संचालन संभालने की कोशिश कर रही है, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है.
सूत्रों का कहना है कि कई उड़ानें 7–8 घंटे देरी से चल रही हैं और तीन दिनों में 400 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई हैं.
समस्या और बड़ी क्यों हो गई?
यह समस्या ऐसे समय में आई है, जब घरेलू यात्रा का मौसम सबसे व्यस्त होता है. हर दिन 5 लाख से ज्यादा लोग यात्रा कर रहे हैं, और इंडिगो का घरेलू बाजार में 60% हिस्सा है. जब उसकी अधिकांश उड़ानें लेट होती हैं, तो इसका असर देशभर के एयरपोर्ट पर दिखता है और देरी की चेन लंबे समय तक जारी रहती है. इसी वजह से एयरपोर्ट पर अव्यवस्था और यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है.
