दुमका (DUMKA) : दुमका के हिजला में राजकीय जनजातीय हिजला मेला का उद्घाटन हो गया. मयूराक्षी नदी के तट पर 28 फरवरी तक यह मेला लगेगा. मेला की शुरुआत 1890 में हुई थी अब इसे राजकीय मेला का दर्जा प्राप्त हो चुका है.
स्टॉल में योजना से संबंधित पुस्तिका का किया जा रहा है निःशुल्क वितरण
हिजला मेला में कृषि विभाग की प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र बिंदु रहता है. मेला परिसर में विभिन्न विभागों का स्टॉल लगाया गया है, जिसके माध्यम से लोगों को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है. उद्यान विभाग के स्टॉल में मशरूम की खेती से संबंधित एक पुस्तिका का निःशुल्क वितरण किया गया. विभागीय पुस्तिका में एक तरफ सीएम की तस्वीर है तो दूसरी तरफ कृषि मंत्री की.
उद्यान विभाग की पुस्तिका पर कृषि मंत्री के रूप में छपी है बादल की तस्वीर
अब अगर पूछा जाए कि झारखंड के कृषि मंत्री कौन है तो जबाव आएगा शिल्पी नेहा तिर्की. लेकिन विभागीय पुस्तिका पर कृषि मंत्री के रूप में बादल नाम अंकित है. साथ ही पूर्व कृषि मंत्री बादल की तस्वीर है. हकीकत यही है कि बादल के बाद चंद महीनों के लिए दीपिका पांडे सिंह कृषि मंत्री बनाई गई, जबकि नई सरकार में शिल्पी नेहा तिर्की को कृषि मंत्री बनाया गया है.
मानवीय भूल या राशि की बंदरबांट का है जरिया!
ऐसे में सवाल उठता है कि यह मानवीय भूल है या इसके पीछे विभाग की मंशा कुछ और है? उद्यान विभाग के अधिकारी को कृषि मंत्री का नाम नहीं पता हो ऐसा तो नहीं हो सकता. यह लापरवाही भी हो सकती है या फिर राशि की बंदरबांट का तरीका. पुरानी पुस्तिका वितरित कर नई पुस्तिका का बिल पास कराया जा सकता है. सच्चाई क्या है यह तो जांच का विषय है लेकिन इस बाबत जिला उद्यान पदाधिकारी गौतम कुमार ने कहा कि भूल बस एक आध पुरानी प्रति का वितरण हो गया होगा. लेकिन सच्चाई यही है कि मशरूम की खेती से संबंधित नई पुस्तिका स्टॉल में नहीं रखा गया था, जबकि बैनर में कृषि मंत्री के रूप में शिल्पी नेहा तिर्की का नाम और तस्वीर अंकित है.
पीआरडी द्वारा लगाए गए पोस्टर पर संताल समाज के लोगों को है आपत्ति
यह तो हुआ उद्यान विभाग का हाल. मेला में पीआरडी द्वारा जगह जगह बैनर पोस्टर लगाया गया है. एक पोस्टर पर संताल समाज के लोगों ने आपत्ति जताई है. दरअसल मेला परिसर स्थित पूजा स्थल दिसोम मरांग बुरु थान पहले झोपडीनुमा था. लेकिन पिछले वर्ष ही उसका जीर्णोद्धार करते हुए पक्कीकरण कर दिया गया. इस वर्ष जो पोस्टर लगाया गया है उसमें दिसोम मरांग बुरु थान की तस्वीर खोपड़ी वाला ही रखा गया है. संताल समाज के लोगों ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा कि आखिर क्यों पुराना तस्वीर लगाया गया है.
रिपोर्ट-पंचम झा