टीएनपी डेस्क(TNP DESK): इस साल रंगों का त्योहार होली 25 मार्च को मनाया जाएगा. वहीं होली को लेकर लोग तैयारियों में जुट गए हैं. होली जहां रंगों का त्यौहार है, वहीं यह जायकेदार पकवानों का भी त्यौहार है. होली के दिन लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर अच्छी-अच्छी मिठाइयां और पकवान खिलाते हैं, इस दिन लोग अपने आस पड़ोस रिश्तेदारों को मिठाई खिलाकर या फिर घर में बने अच्छे-अच्छे पकवान खिलाकर पुराने गिले शिकवे दूर करते हैं वहीं होली के जश्न में मिठाइयों की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से दुकानदार ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए इसमे मिलावट करने लगते है. कई बार खबरों में मिलावट की शिकायत भी देखी जाती है. इस मिलावटी मिठाईयों को खाकर लोग बीमार पड़ जाते है, और होली का रंग फीका पड़ जाता है.
इस होली अपना और अपनों का रखें विशेष ख्याल
यदि आप भी होली के जश्न में कोई खलल नहीं चाहते है तो आज हम आपको कुछ ऐसे विशेष पारंपरिक पकानों के नाम बताने जा रहे हैं जिसको आप घर पर बनाकर आप अपनी और अपनों की होली को और कलरफूल बना सकते है, और इन मिलावटी जहरीले मिठाइयों से भी बच सकते हैं. आपको बताएं की होली पर मालपुआ दहीबड़ा और गुजिया के साथ तरह-तरह की घरेलू पकवान परंपरागत रूप से सदियों से हमारे घरों में बनते आ रहे है.जो स्वाद में लाजवाब होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे होते है.
परंपरागत पकवान मालपुआ खाने में स्वादिष्ट और आसानी से बननेवाला है
इन सभी में सबसे पुराना और परंपरागत पकवान मालपुआ है, जो खाने में स्वादिष्ट और आसानी से बननेवाला है. इसको सबसे पुराना पकवान इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका जिक्र ऋग्वेद में भी मिता है.होली का त्यौहार रंगों के साथ खानपान का भी उत्साह लेकर आता है इस दिन खाने के लिए पकोड़े, मालपुआ, टेस्टी गुजिया, दही बड़े और न जाने कई तरह के पारंपरिक डिश बनाई जाती है. होली के दिन कोई ऐसा घर नहीं होता जिस घर में मालपुआ नहीं बनते हैं. मालपुआ को अलग अलग राज्यों में अलग अलग तरीको से बनाया जाता है, वहीं इसके नाम भी अलग ही होते है.
मालपुआ को अलग अलग राज्यों में अलग अलग तरीके से बनाया जाता है
राजस्थान में मालपुआ राबड़ी के साथ खाया जाता है, तो वहीं महाराष्ट्र में इसमे पनीर डालकर तैयार की जाता है. वहीं बिहार में इसे दूध केले और सूजी मैदा के साथ बनाया जाता है, जो खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है.वहीं उत्तर प्रदेश में इसे मलाई पूरी कहा जाता है, जिसमें दूध खोया और मैदा से तैयार किया जाता है, वहीं उड़ीसा की बात करें तो यहां आटा केला फेनल सीड्स और सिमोलिना से तैयार किया जाता है.वही बंगाल में बात करें तो लोग अलूर मालपुआ और तालेर मालुपा पुकारा जाता है. जिसे शकरकंद और खजूरों का इस्तेमाल करके बनाया जाता है. वही बिहार में इसे पुआ पुकारा जाता है, और होली के दौरान से बड़े शौक से खाया जाता है. मालपुआ और गुजिया के जगह यूपी बिहार में होली की अलग ही धूम देखी जाती है.
दही बड़े झारखंड में ज्यादा फेमस है
वही आपको बताएं की दही बड़े झारखंड में ज्यादा फेमस है होली में कोई भी ऐसा घर नहीं होता, जहां दही बड़े नहीं बनाए जाते है. उड़द दाल और दही से बनाए जाने वाला यह सिंपल सा डिश खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है और न जाने कई ही खोवा वाली मिठाइयों को भी पीछे छोड़ देता है स्वाद के मामले में दही बड़ा का कोई भी तोड़ नहीं है.
गुजिया खाने में बहुत ही कुरकुरा और स्वादिष्ट होता है
वही होली के दिन लोग गुजिया भी बनाते हैं, गुजिया एक ऐसा डिश है जिसे मैदा, सूजी और चीनी का मिक्सर या फिर खोया भरकर बनाया जाता है, और से तेल में तला जाता है, यह खाने में बहुत ही कुरकुरा और स्वादिष्ट होता है.आप होली के दौरान मिठाई के जगह पर इसे ही सर्वे कर सकते हैं. बिहार में इसे भुजिया या प्रोडक्ट या के नाम से पुकारा जाता है वही अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है और अलग-अलग नाम से जाना जाता है लेकिन खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है या एक पारंपरिक मिठाई है जिसे कई पर्व त्योहार में बिहार में और झारखंड के लोग बनाते हैं और कहते हैं.