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श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक से जुड़ा है हिन्दू नववर्ष, जानिए चैत्र मास का विशेष महत्त्व

श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक से जुड़ा है हिन्दू नववर्ष, जानिए चैत्र मास का विशेष महत्त्व

टीएनपी डेस्क(TNP DESK):अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी महीने से नए साल की शुरुआत होती है लेकिन अगर हिंदू पंचांग की माने तो चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है.इसी दिन से हिंदू नए साल की शुरुआत हो जाती है.इस साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 30 मार्च को है. इसी दिन से हिंदुओं का नया साल शुरू हो जाएगा.आपको बताये कि हिंदू नववर्ष के आरंभ के दौरान सूर्य देव और चंद्रदेव दोनों मीन राशि में विराजमान हो जाएंगे.

चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को नए साल की शुरुआत होती है

आपको बताये कि आज से हजारों साल पुराने हिंदू समुदाय के विक्रम संवत पर आधारित कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जा रहा है. विक्रम संवत के अनुसार जाने वाले हिंदू नव वर्ष को हिंदू नव वर्ष से ही देश में नए साल की शुरुआत मानी जाती है जो चैत्र मास की शुरुआत होती तो चलिए जानते हैं इसे क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई.आपको बताये कि भारतीय संस्कृति के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी. इसी दिन से सृष्टि की शुरुआत मानी जाती है. इसी दिन से विक्रम सवंत के नए साल की शुरुआत होती है. विक्रम संवत को भारतीय अलग-अलग नामों से जाना जाता है.

विक्रम सवंत का कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे रहता है

 आपको एक बात जानकर हैरानी होगी कि विक्रम सवंत का कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे रहता है. इसके पीछे की वजह यह है कि विक्रम संवत की शुरुआत राजा विक्रमादित्य ने की थी. राजा विक्रमादित्य विक्रम संवत के शुरू होने के साथ ही अपने साम्राज्य की जनता के सारे कर्ज माफ कर उन्हें राहत प्रदान की थी.विक्रम संवत हर साल चैत्य शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है.इस संवत को गणितीय नजरिए से एकदम सटीक काल गणना माना जाता है.

Published at:28 Mar 2025 11:56 AM (IST)
Tags:art and culture dharam astha Hindu New Year Hindu New Year 2025 Hindu navbarshtrending news astrology news viral news
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