☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Trending

रिम्स की बदहाली और सरकार पर गुस्से में हाई कोर्ट, जांच के लिए वकीलों की टीम गठित

रिम्स की बदहाली और सरकार पर गुस्से में हाई कोर्ट, जांच के लिए वकीलों की टीम गठित

TNP DESK- झारखंड में स्वास्थ्य सुविधा और व्यवस्था को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग अक्सर सवालों के घेरे में रहता है. राजधानी रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की बदहाल स्थिति पर अक्सर सवाल खड़े होते हैं. रांची का यह अस्पताल जहां एक तरफ गरीब एवं मध्य वर्गी परिवार के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए जाना जाता है लेकिन पिछले कई सालों से अपनी अव्यवस्था के कारण अक्सर कटघरे में खड़ा पाया जाता है.  रिम्स की व्यवस्था काफी दयनीय है. इसकी लचर व्यवस्था को लेकर सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. वही आज एक बार फिर से झारखंड हाई कोर्ट में रिम्स के मामले पर सुनवाई होनी है. गुरुवार को रिम्स की ओर से शपथ पत्र जमा करने के लिए समय मांगा गया था. जिसके बाद चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय की.

हाई कोर्ट ने रिम्स से मांगा जवाब 

हाई कोर्ट ने रिम्स से जवाब मांगा है कि सरकार ने कितना फंड रिम्स के लिए दिया है और जो फंड दिया गया है उसे कौन-कौन से उपकरण और मशीन खरीदे गए हैं. वहीं सरकार को कितनी राशि वापस की गई है. सवाल ये भी है जब रिम्स को फंड मिलता है तो उस फंड का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता है. फंड मिलने के बावजूद भी न तो बिल्डिंग की स्थिति ठीक है न ही मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है. 

जांच के लिए टीम गठित

बता दे कि गुरुवार को जांच कमेटी की तीन सदस्य टीम रिम्स पहुंची थी जिसके बाद टीम ने सभी विभागों का जायजा लिया और मरीजों से भी बातचीत की. रिम्स में जो बिल्डिंग जर्जर है उसका भी निरीक्षण किया. 

विपक्ष ने भी रिम्स की बदहाली पर उठाया था सवाल

बता दे कि अभी कुछ दिन पहले नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रिम्स अस्पताल का एक वीडियो पोस्ट किया था और पोस्ट कर सरकार और रिम्स प्रशासन पर सवाल खड़ा किया था. बाबूलाल ने अपने पोस्ट में लिखा था कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की जर्जर भवन दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है. दीवार और गिरता प्लास्टर, दरार और जल जमाव से मरीज ही नहीं डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों को भी खतरा है. लेकिन उस वक्त बाबूलाल के उठाए इस सवाल को स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने विकास विरोधी बयान बता दिया था. अब जब हाइकोर्ट ने इस पर कड़ाई से जवाब मांगा है तो देखना होगा कि कोर्ट के समक्ष क्या दलील दी जाती है. 

राजेंद्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (आरएमसीएच) की स्थापना वर्ष 1958 में हुई थी. झारखंड अलग राज्य का गठन होने के बाद वर्ष 2002 में राजेंद्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (आरएमसीएच) का नाम बदल कर राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) हो गया.रिम्स को एम्स के तर्ज पर डॉक्टर और चिकित्सा सेवाओं की सुविधाएं शुरू की गयीं. चिकित्सा सेवाओं में वृद्धि होने के कारण मरीजों की संख्या बढ़ती गयी. राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों के लोग भी यही सोचकर आते हैं कि रिम्स आने पर उनकी जान बच जाएगी. राज्य सरकार से रिम्स को हर साल करोड़ों का फंड भी मिलता है. लेकिन आज हर तरह रिम्स की बदहाली की ही चर्चा होती है. जिस तरह से अस्पताल की बदहाली हर तरफ दिख रही है इस पर स्वास्थ्य विभाग और मंत्री अगर ध्यान देते तो शायद बेहतर हो पता.  रिम्स की हकीकत सभी के सामने है. 

 

Published at:08 Aug 2025 06:17 AM (IST)
Tags:Jharkhand news Ranchi newsHigh Court Ranchi rimsHighcourt Jharkhand highcourt रिम्स की बदहाल स्थिति रिम्स मामले में हाइकोर्ट में सुनवाई Jharkhand health system
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.