टीएनपी डेस्क(TNP DESK): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार सुबह 100 साल की उम्र में निधन हो गया. हीराबेन के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया. पीएम माँ की अर्थी को कंधा देते हुए शमशान घाट ले गए. फिर गांधीनगर के श्मशान घाट में उन्हें मुखाग्नि दी.और मां पंचतत्व में विलीन हो गई.
हीराबेन ने अहमदाबाद के अस्पताल में अंतिम सांस ली. प्रधानमंत्री मोदी के लिए आज का दिन बेहद दुखभरा है. बता दें हीराबेन बुधवार को सुबह ‘यू एन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर’ में भर्ती कराया गया था. हीराबेन मोदी ने आज यानि शुक्रवार सुबह 3:30 बजे आखिरी सांस ली.
पीएम ने ट्वीट में लिखा
मां के निधन पर पीएम मोदी ने दु:ख जताते हुए लिखा, "शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम... मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है."
मां के जन्मदिन पर लिखा था भावात्मक ब्लॉग
इसी साल 18 जून को पीएम मोदी की मां का 100वां जन्मदिन था. मां के 100 वर्ष पूरे होने पर पीएम ने एक ब्लॉग लिखा था. पीएम ने ब्लॉग में मां के साथ बिताए कुछ पलों को याद किया था. साथ ही उन्होंने अपनी की खूबियों का भी जिक्र किया था. ब्लॉग की शुरुआत में पीएम ने लिखा था कि मां ये सिर्फ एक शब्द नहीं है. जीवन की ये वो भावना होती जिसमें स्नेह, धैर्य, विश्वास, कितना कुछ समाया होता है. दुनिया का कोई भी कोना हो, कोई भी देश हो, हर संतान के मन में सबसे अनमोल स्नेह मां के लिए होता है. मां, सिर्फ हमारा शरीर ही नहीं गढ़ती बल्कि हमारा मन, हमारा व्यक्तित्व, हमारा आत्मविश्वास भी गढ़ती है और अपनी संतान के लिए ऐसा करते हुए वो खुद को खपा देती है, खुद को भुला देती है.''
आगे उन्होंने लिखा आज मैं अपनी ख़ुशी, अपना सौभाग्य, आप सबसे साझा करना चाहता हूं. मेरी मां हीराबा आज 18 जून को अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं. यानी उनका जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है. पिताजी आज होते, तो पिछले सप्ताह वो भी 100 वर्ष के हो गए होते. यानी 2022 एक ऐसा वर्ष है, जब मेरी मां का जन्मशताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है और इसी साल मेरे पिताजी का जन्मशताब्दी वर्ष पूर्ण हुआ है.''
पीएम मोदी ने लिखा था, ''आज मेरे जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, मेरे व्यक्तित्व में जो कुछ भी अच्छा है, वो मां और पिताजी की ही देन है. आज जब मैं यहां दिल्ली में बैठा हूँ, तो कितना कुछ पुराना याद आ रहा है.
मेरी मां जितनी सामान्य हैं, उतनी ही असाधारण भी. ठीक वैसे ही, जैसे हर मां होती है. आज जब मैं अपनी माँ के बारे में लिख रहा हूं तो पढ़ते हुए आपको भी ये लग सकता है कि अरे, मेरी मां भी तो ऐसी ही हैं. मेरी मां भी तो ऐसा ही किया करती हैं. ये पढ़ते हुए आपके मन में अपनी मां की छवि उभरेगी.''
पीएम मोदी ने लिखा था, मां की तपस्या, उसकी संतान को सही इंसान बनाती है. माँ की ममता, उसकी संतान को मानवीय संवेदनाओं से भरती है. मां एक व्यक्ति नहीं है, एक व्यक्तित्व नहीं है, मां एक स्वरूप है. हमारे यहां कहते हैं, जैसा भक्त वैसा भगवान. वैसे ही अपने मन के भाव के अनुसार, हम मां के स्वरूप को अनुभव कर सकते हैं.''
जब मां को याद कर भावुक हुए थे पीएम मोदी
एक बार जब पीएम अमेरिका दौरे पर गए थे तो एक कर्मक्राम के दौरान मार्क जुकरबर्ग ने पीएम मोदी से माँ से जुड़े कुछ सवाल किए थे. जिसका जवाब देते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए थे. पीएम मोदी ने बताया था, ''हम जब छोटे थे, मेरे पिताजी का निधन हो गया. तब हमारा गुजारा करने के लिए मां पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करने, पानी भरने, मजदूरी करने जाती थी. उन्होंने कहा था हमारा जीवन बहुत गरीबी से बीता था. उन्होंने बताया था कि मैं भी स्टेशन पर चाय बेचा करता था. उन्होंने कहा था कि आप सोच सकते हैं कि एक मां ने अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए कितना कष्ट उठाया होगा.