टीएनपी डेस्क(TNP DESK): कोरोना को लेकर झारखंड भी अपने अलर्ट मोड पर है. इस बाबत स्वास्थ्य मंत्री बनना गुप्ता ने भी बताया कि झारखंड में कोरोना से निपटने की पूरी तैयारी है पिछले तीन लहर को झेल चुके झारखंड इस नए वेरिएंट का भी डटकर मुकाबला करेगा. बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में सुविधाओं से लैस हॉस्पिटल्स है. वैक्सीन भी उपलब्ध है. किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए झारखंड सक्षम है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बनना गुप्ता ने कहा की कोरोना के लिए हमने ईसीएस साहब के साथ बैठक की है, तथा प्रदेश के सभी उपायुक्तों को पत्र लिखा है कि कोरोना को लेकर तैयारी पूरी रखी जाए. राज्य ने कोरोना के तीन दंश झेले है अब हम इसे अभ्यस्त हो गये है. सभी उपायुक्तों को निर्देश है कि इस पर पूरी नजर बनाए रखें. सरकार की तैयारी का हवाला देते हुए गुप्ता ने कहा कि जब कोरोना की पहली लहर आई थी तब हमारे पास एक भी RT-PCR मशीन नहीं थी जिसके कारण जांच में विलंब होता था. परंतु आज हमारे पास 15 RT-PCR लैब है. हमारे पास जीनोम सीक्वेंसी की मशीन है. अब हमारे पास कोबास 6800 भी है. 120 PSA प्लांट 12638 से अधिक बेड है. जितनी वैक्सीन हमारे पास थी और जो एक्सपायर हो रही थी उसे हमने ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया है अभी जो भी वैक्सीन की कमी है उसे भी हम लाकर लोगों को वैक्सीनेट कर के पूरा करने की कोशिश करेंगे. कोरोना के लिए पूरी तरह से हम तैयार है.
भारत में भी कोरोना ने बढ़ाई चिंता
बता दें कोरोना ने चीन में जहां दस्तक देकर समूचे विश्व की धड़कनें बढ़ा दी है. वहीं भारत भी इस महामारी पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए है. कोरोना को लेकर बैठकों का सिलसिला जारी है. पीएम मोदी ने हाईलेबल मीटिंग कर कोरोना के लिए गाइडलाइन जारी की है साथ ही राज्यों को भी अलर्ट रहने को कहा है. केंद्र ने विभिन स्वास्थ्य उपायों को चाक चौबंद रहने को कहा है साथ ही नेशनल इंटेरनेशनल उड़ानों और सार्वजनिक जगहों पर एहतीयात बरतने की अपील की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडावीया ने कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी किया है जो राज्यों और सभी प्रदेशों के लिए आवश्यक है. अपने भाषण मे स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था की हम कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है. राज्य सरकार को अविलंब सभी तरह की सहायता दी जाएगी.
जानिए RT-PCR टेस्ट क्या है ?
रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरीज चेन रिएक्शन यानी RT-PCR टेस्ट एक मॉलिक्यूलर टेस्ट होता है. मॉलिक्यूल मतलब अणु. ये कई तरह के होते हैं. जैसे प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, लिपिड्स और न्यूक्लियक एसिड्स आदि. इन्हें दुनिया में हर जिंदा जीव का मूल तत्व कहा जा सकता है. शरीर में ऐसे असंख्य मॉलिक्यूल्स होते हैं. RT-PCR टेस्ट में कोरोना का पता उसके वायरस में मौजूद खास तरह के इन्हीं मॉलिक्यूल्स के जरिए ही लगाया जाता है. कोरोना वायरस (Corona Virus) की सतह पर कुकुरमुत्ते की तरह के स्पाइक्स यानी खूंटे जैसे होते हैं. इन्हीं में ऐसे प्रोटीन मौजूद रहते हैं, जो इंसानी शरीर के अंदर डिफेंस का काम करने वाले सेल्स पर हमला करते हैं.
जानिए कौन है कोरोना का साथी ORF1ab ?
कोरोना यूं ही नहीं इतना भयावह रूप धरण करता है इस ने अपनी एक सेना ही तैयार कर रखी थी बात दें कोरोना वायरस शरीर में एक और हथियार लेकर आता है. इसका नाम है ORF1ab. ये बेसिकली दो चीजों से मिलकर बना होता है- ORF1a और ORF1b. अमेरिका के नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के मुताबिक, कोरोना के Sars-CoV-2 वायरस को इसी ORF1ab के जरिए अपनी संख्या बेहद तेजी से बढ़ाने में मदद मिलती है. ये कोरोना वायरस के अंदर इंसानी शरीर के डिफेंस को नाकाम करने की ताकत भी बढ़ाता है.
टेस्ट और CT वैल्यू का क्या संबंध है?
कोरोना के RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट में जिस चीज पर डॉक्टरों की नजरें ज्यादा रहती हैं, वो है CT वैल्यू. CT का मतलब साइकल थ्रैशहोल्ड (cycle threshold). इसका पता लगाने के लिए RT-PCR टेस्ट के दौरान स्वैब के सैंपल में इंसानी डीएनए मिलाकर उसे पीसीआर मशीन में रखा जाता है. फिर इसे गर्म करने और ठंडा करने का सिलसिला शुरू होता है. इस सिलसिले को साइकल (यानी चक्र) कहते हैं. हर चक्र में कुछ केमिकल रिएक्शन होते हैं और वायरस का डीएनए अपनी कॉपी यानी प्रतिरूप तैयार कर लेता है.
कोबास 6800 मशीन क्या है?
कोबास 6800 एक टेस्टिंग मशीन है जिससे एक साथ कई मरीजों का टेस्ट किया जा सकता है और रिपोर्ट भी जल्दी आ जाती है. इस मशीन से रिजल्ट जल्दी मिल जाता है और मरीजों को आइसोलेट करने में आसानी होती है. खास बात है कि इस मशीन की मदद से हर दिन 1200 सैंपल टेस्ट हो सकेंगे. दरअसल, यह मशीन एक साथ कई सैंपलों को टेस्ट कर सकती है. COBAS 6800 मशीन को जांच के लिए कम से कम BSL2 और कंट्रोल लेवल के लैब की आवश्यकता होती है. इस मशीन को किसी भी फैसिलिटी पर नहीं रखा जा सकता है. COBAS 6800 वायरल हेपेटाइटिस बी एंड सी, एचआईवी (HIV), एमटीबी, पैपिलोमा, सीएमवी, क्लैमाइडिया और नेयसेरेमिया जैसे रोगों के लक्षणों का पता लगा सकती है.
सभी अत्याधुनिक मशीनों से लैस झारखंड के चिकित्सालय कोरोना से लड़ने को तैयार है. बात दें चीन में कोरोना ने अपने लहर से अबतक कई लोगों की जान ले ली है. चीन के वुहान से ही कोरोना की शुरुआत हुई थी और एक बार फिर रूप बदल कर कोरोना अपने नया वैरियंट BF 7 के साथ तबाही मचा दिया है.