टीएनपी डेस्क (TNP DESK): महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए देश में कई राज्यों ने अलग-अलग योजनाएं शुरू की हैं. इन योजनाओं के तहत महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने वित्तीय सहायता भेजी जाती है, ताकि वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतें आसानी से पूरी कर सकें. खास बात ये है कि हर राज्य में मिलने वाली राशि अलग है और अब ऐसा दिखाई दे रहा है कि राज्यों के बीच महिलाओं को अधिक से अधिक सहायता देने की होड़ सी शुरू हो गई है.
माझी लाडकी बहिन योजना: सबसे पहले बात महाराष्ट्र की करें तो यहां 28 जून 2024 को माझी लाडकी बहिन योजना लागू की गई. इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की पात्र महिलाओं को 1500 रुपये हर महीने दिए जा रहे हैं. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं के पोषण, स्वास्थ्य और आर्थिक मजबूती को बढ़ाना है. इसके लिए परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम होना जरूरी है और पति या पिता का ई-केवाईसी कराना अनिवार्य किया गया है.
लाड़ली बहना योजना: वहीं मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना 15 मार्च 2023 से लागू है. शुरू में 1000 रुपये दिए जा रहे थे, जिसे अब बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया है. अब तक योजना की 31 किस्तें जारी हो चुकी हैं और सरकार का दावा है कि आने वाले समय में राशि को बढ़ाकर 2028 तक 3000 रुपये प्रति माह किया जाएगा. यह योजना राजनीतिक नजरिए से भी राज्य में गेम चेंजर मानी जाती है.
लाडो लक्ष्मी योजना: हरियाणा की बात करें तो यहां 25 सितंबर 2025 को लाडो लक्ष्मी योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत बीपीएल और कम आय वाले परिवारों की महिलाओं को 2100 रुपये हर महीने मिलते हैं. योजना की पहली किस्त 1 नवंबर को 5 लाख से ज्यादा महिलाओं को भेजी गई. महिलाओं को आर्थिक तनाव से राहत देने के उद्देश्य से यह योजना तेजी से प्रभावी हो रही है.
मंईया सम्मान योजना: झारखंड में मंईया सम्मान योजना आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस योजना में 21 से 50 वर्ष की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जा रहे हैं. शुरुआत में 1000 रुपये की राशि जारी की गई थी, लेकिन बाद में बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया. पहली किस्त 18 अगस्त 2024 को रक्षाबंधन से ठीक पहले लाभार्थियों के खाते में भेजी गई थी. बताया जा रहा है कि पूरे देश में इस तरह की किसी भी योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली यह सबसे ज्यादा मासिक सहायता है.
देशभर में लागू इन योजनाओं से महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. साथ ही उन्हें अपने जीवन में बेहतर फैसले लेने की स्वतंत्रता भी मिल रही है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में और भी राज्यों में इस तरह की योजनाएं शुरू की जा सकती हैं, जिससे महिला सशक्तिकरण को और गति मिलेगी.
