रांची(RANCHI): त्रिपुरा विधान सभा उपचुनाव को लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने दावा किया है कि लोगों का उत्साह और समर्थन को देखकर इस बात का साफ संकेत मिल चुका है कि यहां वाम और कांग्रेस के संयुक्त गठबंधन में सरकार बनने जा रही है. पूरे राज्य में भाजपा के खिलाफ व्यापक जनाआक्रोश है, राज्य की जनता कमरतोड़ महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है. चारो तरफ हिंसा और भय का साम्राज्य है.
कांग्रेस का हाथ आमजनों के साथ
बंधु तिर्की ने कहा कि कांग्रेस का हाथ हमेशा से आम जनों के साथ रही है, यही कारण है कि भाजपा की हिंसक राजनीति के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता पुरी मुस्तैदी के साथ खड़े हैं.
आदिवासी बहुल त्रिपुरा में कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं बंधु
दरअसल बंधु तिर्की त्रिपुरा उपचुनाव में स्टार प्रचारक हैं, त्रिपुरा के चरिलम विधानसभा क्षेत्र में आयोजित चुनावी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने एक एक कर राज्य सरकार की नाकामियों को गिनाया और राज्य की जनता को भाजपा की इस हिंसक राजनीति के खिलाफ खड़ा होने का आह्रवान किया.
राज्य की कुल आबादी का 30 फीसदी आदिवासी समुदाय
यहां बता दें कि त्रिपुरा की 2011 के जनगणना के मुताबिक त्रिपुरा की कुल आबादी 36,73,917 में से जनजातीय समुदाय की आबादी 8,53,920 यानी कुल आबादी का करीबन 30 फीसदी है. पूरे राज्य में 19 जनजातियों निवास है. भील, भूटिया, चायल, चकमा, गारो, हलम, जमातिया, खासिया, कूकी, लेप्चा, लुशाई, मोग, मुंडा, नोआतिया, ओरंग, रींग, संथाल, त्रिपुरी और उचुई वहां की प्रमुख जनजातीय समुदाय हैं.
आदिवासियों का एक बड़ा चेहरा हैं बंधु तिर्की
बंधु तिर्की की पहचान एक बड़े आदिवासी नेता के रुप में की जाती है, वह लगातार आदिवासी समाज के मुद्दों को लेकर हमेशा से मुखर रहे हैं, झारखंड में डोमिसाइल को लेकर बंधु तिर्की ने बड़ा आन्दोलन किया है, यही कारण है कि कांग्रेस उनको त्रिपुरा फतह करने का मिशन सौंपा है. अब देखना होगा कि कांग्रेस को इसका कितना लाभ मिल पाता है, लेकिन यदि कांग्रेस को यह कामयाबी मिलती है, तो निश्चित रुप से कांग्रेस में बंधु तिर्की का कद बढ़ेगा.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार