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पूर्व झारखंड विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता चुनावी राजनीति से हुए दूर, बेटा को बनाया उत्तराधिकारी, जानिए वजह

पूर्व झारखंड विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता चुनावी राजनीति से हुए दूर, बेटा को बनाया उत्तराधिकारी, जानिए वजह

देवघर (DEOGHAR):  झारखंड का देवघर जिला अंतर्गत सारठ विधानसभा क्षेत्र शुरू से ही राजनीति के क्षेत्र में सबसे अलग रहा है. झारखंड गठन के बाद शशांक शेखर भोक्ता,उदय शंकर सिंह और रंधीर सिंह इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किये. वर्तमान में झामुमो पार्टी के विधायक उदय शंकर सिंह है जिन्होंने पूर्व मंत्री भाजपा नेता रंधीर सिंह को हराया है. यह विधानसभा क्षेत्र झामुमो का गढ़ के रूप में भी माना जाता है. इस क्षेत्र से विधायक रहे शशांक शेखर भोक्ता 2009 में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी बने. झामुमो यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन के चहेते में आने वाले शशांक शेखर भोक्ता को झामुमो ने 2019 और 2024 में टिकट नहीं दिया. इससे नाराज होकर आज इन्होंने चुनावी राजनीत को अलविदा कहते हुए अब इस क्षेत्र से अपने बेटा प्रशांत शेखर को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. 

कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद हुई प्रशांत की घोषणा

देवघर के चितरा कोलियरी स्थित इंडोर स्टेडियम में झामुमो नेता शशांक शेखर भोक्ता ने कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया. इस सम्मेलन में सारठ विधानसभा क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग पहुचे थे. मौजूद लोगों की रायशुमारी के बाद निर्णय लिया गया कि अब यह क्षेत्र युवा पीढ़ी के हाथों में सौप देना चाहिए. सभी के सहमति से शशांक शेखर भोक्ता का बेटा प्रशांत शेखर को उत्तराधिकारी चुना गया. प्रशांत शेखर ने बताया कि फिलहाल निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आज से तैयारी शुरू कर दिया गया है. आने वाले समय मे संगठन को मजबूत कर 2029 का विधानसभा चुनाव मजबूती के साथ लड़ा जाएगा. वही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह वरिष्ठ झामुमो नेता शशांक शेखर भोक्ता ने कहा कि लगभग 4 दशक के राजनीति अनुभव को वे अपने बेटे को बीच बीच मे साझा करेंगे.

झामुमो को अपना कार्यकताओं को संभालना होगा चुनौती

प्रशांत शेखर झामुमो को दरकिनार कर आगामी चुनाव निर्दलीय लड़ने की घोषणा के बाद सारठ विधानसभा क्षेत्र में झामुमो पार्टी को अब अपना कार्यकर्ताओं को सहेजने की जरूरत पड़ेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि शशांक शेखर भोक्ता ने इस क्षेत्र में पार्टी को अलग पहचान दिलाई है जिस कारण अधिकांश झामुमो नेता शशांक शेखर के साथ है.

वर्तमान झामुमो विधायक को बनाना होगा अलग रणनीति

चुनाव में टिकट नही मिलने के बाद लगातार झामुमो से दूरी बना रहे शशांक शेखर भोक्ता के पक्ष में बड़ी संख्या में अभी भी झामुमो नेता है. 2024 के चुनाव में झामुमो ने यहाँ से पहली बार उदय शंकर सिंह को टिकट दिया था लेकिन शशांक शेखर भोक्ता के गुट ने खुलेआम विरोध किया था. लेकिन परिणाम झामुमो उम्मीदवार के पक्ष में आया. लगातार दो बार से सारठ विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने के बाद अगली बार भी टिकट मिलने की संभावना कम होता देख आज शशांक शेखर भोक्ता ने अपने बेटा को निर्दलीय चुनाव लड़ाने की घोषणा कर दी. अब सवाल उठ रहा है कि वर्तमान झामुमो विधायक उदय शंकर सिंह को आगामी चुनाव में क्षेत्र बचाने के लिए कड़ी मेहनत कड़नी पड़ेगी. कौन किस पर भारी पड़ेगा यह वक़्त बतलायेगा. कहीं दोनो के बीच की लड़ाई का फायदा तीसरा न उठा ले इस पर भी ध्यान रखना होगा. बहरहाल जो भी हो आज की राजनीति से पूरे सारठ विधानसभा क्षेत्र का माहौल गर्म हो गया है.

रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा 

Published at:03 May 2025 09:27 AM (IST)
Tags:Jharkhand news Deoghar news Sarath vidhansabha Former Jharkhand Assembly Speaker Shashank Shekhar Bhokta distanced himself from electoral politicsFormer Jharkhand Assembly Speaker Shashank Shekhar Bhokta Prashant ShekharJMM Jharkhand politics Political news
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