बक्सर (BUXAR): हिंदू रीति-रिवाज में पिता ही बेटी का कन्यादान करते हैं. लेकिन, बिहार के बक्सर में एक महिला डॉक्टर को एक गरीब बच्ची के कन्यादान का मौका मिला. दुल्हन बनी लड़की का नाम सोनी है, जिसके पिता ब्लड कैंसर से पीड़ित थे. इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई. बक्सर के इटाढ़ी की महिला समाजसेवी डेंटिस्ट डॉ. श्वेता पाठक लगातार सोनी के पिता गोरख सिंह की इलाज में मदद कर रही थी. ऐसे में डॉक्टर श्वेता पाठक ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनकी बेटी की शादी वो खुद कराएंगी. आखिरकार उन्होंने अपना वादा निभाया और खुद कुंवारी होते डॉक्टर श्वेता ने सोनी का कन्यादान भी किया.
डॉ स्वेता पाठक ने बताया कि विवाह का पूरा खर्च का बीड़ा हमने स्वयं उठाया. उसने बताया कि सोनी चार भाई बहनों में सबसे छोटी थी. उसकी मां चिंता देवी को पति की मौत के बाद से ही उसकी शादी की चिंता सता रही थी. लेकिन, मैने उनसे वादा किया था की आप शादी तय कीजिए बाकी सब हम पर छोड़ दीजिए. सोनी शादी के योग्य हो गई थी. मां ने उसकी शादी के लिए उसने रिश्ता भी ढूंढ लिया. लेकिन विवाह करने के लिए पैसे नहीं थे. जिसके बाद स्वेता ने सोनी की शादी का पूरा खर्च उठाया और स्वयं कन्यादान भी की. शादी समारोह के गवाह बनने वाले गर्व से कह उठे आज धन्य हुआ इटाढ़ी गांव. डॉक्टर बिटिया श्वेता के फौलादी हौसला ने सामाजिकता को गौरवान्वित कर दिया है.