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फंगल साइनसाइटिस - जिससे हो सकती है आपकी आंखे खराब और ब्रेन डेड , जानिए इस इन्फेक्शन के बारे में सबकुछ

फंगल साइनसाइटिस - जिससे हो सकती है आपकी आंखे  खराब और ब्रेन डेड , जानिए  इस इन्फेक्शन के बारे में  सबकुछ

टीएनपी डेस्क(TNP DESK): अगर अपको भी है सर्दी जुकाम तो हो जाइए सावधान, फंगल साइनसाइटिस एक गंभीर के रूप मे तबाह कर सकती है आपकी आँखों की रेटिना और ब्रेन के सूक्ष तंत्रिकाओं को. जी हाँ ये घातक इन्फेक्शन, नसों को तोड़ ब्रेन-आंखों में घुसकर कर देता है खराब. आईए जानते हैं फंगल साइनसाइटिस इन्फेक्शन के बारे मे सब कुछ

क्या है फंगल साइनसाइटिस

सेंस ऑर्गन मे नाक का एक महवपूर्ण स्थान है. कोरोना काल मे नाक से ही वायरस घुसकर सूंघने की क्षमता को न सिर्फ प्रभावित करता था बल्कि इस दौरान ये भी पता चला कि यदि स्मेल लेने की क्षमता खत्म हो जाए तो किस प्रकार हम असहाय हो जाते हैं. भोजन का आधा स्वाद ही चला जाता है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है फंगल साइनसाइटिस एक साइनस संक्रमण है, जो फंगस यानि कि (कवक) के कारण होता है. वैसे तो कई प्रकार के फंगल साइनस संक्रमण होते हैं. इनमे से कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और यहां तक कि मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार जिनकी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनमें फंगल साइनसाइटिस से रोग का खतरा अधिक होता है. कई प्रकार के फंगल साइनस संक्रमण समान लक्षण पैदा करते हैं. इनमें नाक, गाल, माथे और आंखों के बीच में दर्द हो सकते हैं. आपकी नाक, आंख, कान, मुंह और ब्रेन आपस में एक-दूसरे इंटर कनेक्ट होते हैं. ऐसे में यदि नाक में कोई इंफेक्शन हो जाए तो इन हिस्सों में फैलने का खतरा भी बना रहता है. फंगल साइनोसाइटिस (Fungal Sinusitis) नाक में फंगस के वजह से होने वाला ऐसा ही इंफेक्शन है, जिसे अनुपचारित छोड़ देने पर आंखों और दिमाग में फैल जाता है.

जानिए क्या है लक्षण

नाक का काम हमारे द्वारा सांस ली जाने वाली हवा को फिल्टर करना है,  साथ ही धूल, कीटाणुओं और जलन को दूर करता है. यह शरीर के फेफड़ों और श्वांस नलियों को सूखने से बचाने के लिए हवा को गर्म और नम रखने का काम भी करता है. इतना ही नहीं नाक में तंत्रिका कोशिकाएं भी होती हैं जो 'समझने'  में मदद करती हैं. साइनस आपकी खोपड़ी के अंदर खोखले, आपस में जुड़े स्थान (गुहा) होते हैं. वे आपके माथे पर, आपकी नाक के पीछे, आपकी आंखों के बीच और आपके चीकबोन्स के नीचे तक फैले होते हैं. साइनस की दीवारों में बलगम की एक परत होती है जो बैक्टीरिया को फंसा लेती है और हवा को नम रखती है. हालांकि कुछ फंगल साइनस संक्रमण बिना किसी हस्तक्षेप के ठीक हो जाते हैं. फिर भी इसमें होने वाला इंफेक्शन दो प्रकार का होता है इनवेसिव और नॉन इनवेसिव. इनवेसिव इंफेक्शन ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि ये साइनस की दीवार को तोड़कर ब्रेन और आंखों फैल जाता है. जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्या और मौत का खतरा भी होता है. फंगल साइनस के लक्षण निम्न है -:

  • नाक का लगातार बंद रहना
  • नाक से बाहर की कोई स्मेल न आना
  • नाक के अंदर ही अंदर गंदी बदबूदार स्मेल आना
  • नाक से गंदा पानी का बहना
  • नाक से निकलने वाले पानी में खून आना
  • नाक में सूजन
  • बुखार

आंख में दिखाई देने वाले लक्षण

  • आंख से दिखाई न देना
  • आंख का ठीक तरह से काम न कर पाना
  • आंखों के पास चेहरे का सुन्न होना

एक्सपर्ट बताते हैं कि यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. यदि इसका सही समय पर निदान करके इलाज किया जाए तभी यह ठीक हो सकता है. यह इंफेक्शन बढ़ने पर सर्जरी से उन सभी हिस्सों को साफ करने की जरूर होती है. और सर्जरी के साथ दवाओं का सेवन भी जारी रखना जरूरी होता है.

जानिए कैसे करें बचाव

वैसे तो फंगल साइनसाइटिस कम इम्यूनिटी वाले लोगों में होते हैं. लेकिन हमेशा ऐसा जरूरी नहीं  होता है. आमतौर पर इसका खतरा डायबिटीज वाले लोगों में ज्यादा होता है. ऐसे में इससे बचाव के लिए अपने डायबिटीज को कंट्रोल रखना फायदेमंद होता है. साथ ही स्वस्थ लोग ज्यादा धूल, मिट्टी से बचें. साथ ही इम्यूनिटी को मजबूत रखें. ठंड में विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है.

जानिए क्या है उपचार

फंगल साइनसाइटिस उपचार अलग-अलग होते हैं. स्वस्थ प्रतिरक्षा वाले लोगों को कुछ प्रकार के फंगल साइनस संक्रमणों के लिए उपचार की आवश्यकता नहीं हो सकती है. इनवेसिव फंगल साइनस संक्रमण के लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है. फंगल साइनसाइटिस का निदान नाक, कान, गला विशेषज्ञ आसानी से कर सकते हैं. इस इंफेक्शन का पता लगाने के लिए वह दूरबीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा नाक के डिस्चार्ज का टेस्ट, नाक के अंदर का  मांस बढ़ा हुआ होने पर बायोप्सी की भी जरूरत पड़ सकती है. इस इंफेक्शन का पता MRI और CT स्कैन से भी किया जा सकता है. उपचार में सर्जरी और एंटिफंगल दवाएं शामिल हैं. फंगल साइनसाइटिस (फंगल राइनोसिनिटिस) एक साइनस संक्रमण है जो एक कवक से उत्पन्न होता है. उपचार में शामिल हैं. कुछ प्रकार के संक्रमणों में फंगस को मारने के लिए दवाओं की आवश्यकता होती है . सैप्रोफाइटिक फंगल साइनसाइटिस का इलाज करने के लिए, डॉक्टर्स बलगम की पपड़ी को हटाते हैं और साइनस को धोते हैं. वे आमतौर पर साइनस गुहाओं को साफ करने के लिए एक नमकीन घोल (पानी और नमक का मिश्रण) का उपयोग करते हैं. संक्रमण के प्रकार के आधार पर, डॉक्टर्स पारंपरिक सर्जरी या न्यूनतम इनवेसिव एंडोस्कोपिक सर्जरी कर सकता है. वे आपकी नाक में कैमरे के साथ एक लंबी, लचीली ट्यूब डालते हैं और फंगस, फंगल बॉल और किसी भी क्षतिग्रस्त ऊतक को हटाने के लिए छोटे उपकरणों का उपयोग करते हैं.

Published at:04 Dec 2022 04:00 PM (IST)
Tags:THE NEWS POST fungal sinusitisHEALTH JHARKHAND NEWS RANCHI NEWS
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