पटना(PATNA)- दिल्ली में लालू यादव के साथ सीबीआई की पूछताछ के साथ ही बिहार की सियासत में सरगर्मी तेज हो गयी है. विपक्ष इसे भाजपा की राजनीतिक साजिश करार दे रही है. विपक्षी नेताओं का मानना है कि यह पूरी तैयारी 2024 का चुनाव को देख कर की जा रही है.
सीबीआई, ईडी, आईटी और चुनाव आयोग अब स्वायत संस्था नहीं होकर भाजपा मोर्चा
कभी लालू यादव के काफी करीबी रहे और फिलहाल जनअधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा है कि कहा है कि सीबीआई, ईडी, आईटी और चुनाव आयोग जैसी संस्थायें अब स्वतंत्र और स्वायत नहीं रह गयी है. ये संस्थायें को अब साफ तौर पर भाजपा का ही एक मोर्चा कहा जा सकता है, पूरे देश में इनका इस्तेमाल विपक्ष को कुचलने के लिए किया जा रहा है. सीबीआई की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पप्पू यादव ने कहा कि जब-जब नीतीश कुमार राजद के नजदीक आते हैं, गठबंधन कायम होता है, इसके पहले सीबीआई नींद में होती है या उसे अपने आका के आदेश का इंतजार होता है.
भाजपा में शामिल होते ही नेता गंगा नहा लेते हैं, सारा पाप धूल जाता है
उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दलों में कुछ गड़बड़ियां है, लेकिन सवाल है कि भाजपा में शामिल होते ही सब गंगा नहा कैसे जाते हैं, क्या सीबीआई और ईडी किसी भाजपा नेता के खिलाफ भी कार्रवाई करती है, यह वही भाजपा है जो दिन रात महाराष्ट्र में अजित पवार को भ्रष्ट बताती थी, लेकिन जब सरकार बनाने की बात आयी तो भाजपा ने दिन होने का भी इंतजार नहीं किया, उसके बाद अजित पवार गंगा नहा गयें, यह कहानी सिर्फ एक अजित पवार की नहीं है, बिहार से बंगाल तक, दिल्ली से गोवा तक सैंकड़ों ऐसे उदाहरण है, जब भाजपा रुपी गंगा में गोता लगाते ही लोग पवित्र हो गयें, उनके खिलाफ सभी जांच बंद कर दी गयी.