पटना(PATNA): कल दिन भर की राजनीतिक सरगर्मी के बाद आज सबों की नजर उपेन्द्र कुशवाहा के फैसलों पर लगी हुई है. सिन्हा लाइब्रेरी में वे आज भी अपने समर्थकों के साथ भविष्य की राजनीति को लेकर संवाद कर रहे हैं. कार्ययोजनाएं तैयार की जा रही है, हर दाव का आकलन किया जा रहा है, नफे-नुकसान की समीक्षा की जा रही है. इस बीच खबर यह भी आ रही है कि उपेन्द्र कुशवाहा आज कोई बड़ा राजनीतिक फैसला ले सकते हैं.
राजद के इशारे पर जदयू को कमजोर करने की साजिश
लेकिन इन सबके बीच भाजपा ने दावा किया है कि उपेन्द्र कुशवाहा राजद के इशारे पर जदयू को कमजोर करने की योजना पर काम कर रहे हैं, राजद की कोशिश है कि जल्द से जल्द तेजस्वी की तोजपोशी कर दी जाय, राजद अब और ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहती.
उपेन्द्र कुशवाहा राजद का मोहरा
भाजपा नेता और एमएलसी नवल किशोर यादव ने दावा किया है कि सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ उपेन्द्र कुशवाहा की यह पूरी पटकथा राजद ने तैयार की है, उपेन्द्र कुशवाहा तो सिर्फ उसका एक मोहरा भर हैं, इसके पहले भी राजद की ओर से सुधाकर सिंह को लगाया गया था, लेकिन उससे राजद की बदनामी हो रही है, राजद की भूमिका पर सवालिया निशान खड़े किये जा रहे थें, यही कारण है कि अब रणनीति बदल कर उपेन्द्र कुशवाहा से हमला करवाया जा रहा है.
तेजस्वी की ताजपोशी कर भारमुक्त हो नीतीश
नवल किशोर यादव ने कहा नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा है कि पहले तो कहते थें कि उन्हें जबरन सीएम बना दिया गया था, लेकिन अब क्या दिक्कत है, उन्हे बिना देरी किए तेजस्वी यादव का ताजपोशी कर देना चाहिए, उन्होंने कहा कि वैसे भी तेजस्वी यादव उनसे सीएम पद की कुर्सी छीनने ही वाले है, इससे अच्छा है कि सीएम नीतीश खुद ही उनकी ताजपोशी कर दें.
राजद के सम्पर्क में रहने के आरोपों में कितनी सच्चाई
हालांकि यह खबर पहले भी आयी थी कि उपेन्द्र कुशवाहा राजद नेताओं से सम्पर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बीते कुछ दिनों जिस प्रकार से कुशवाहा के द्वारा जंगलराज का जुमला उछाला जाता रहा है, और तेजस्वी को सीधे निशाने पर लिया जाता रह है, उससे देखते हुए इन आरोपों में कोई दम नजर नहीं आता.
उपेन्द्र कुशवाहा के पीछे असली ताकत भाजपा की
यही कारण है कि जानकारों का मानना है कि उपेन्द्र कुशवाहा के पीछे असली ताकत भाजपा की है, लेकिन भाजपा भी उनको लेकर उहापोह की स्थिति में है, उपेन्द्र कुशवाहा का यह ट्रैक रिकार्ड रहा है कि वह ज्यादा दिनों तक किसी भी गठबधन के साथ नहीं रह पाते, इसके साथ ही भाजपा का एक खेमा भी उनका भाजपा में शामिल करने का विरोधी रहा है.
अपनी पुरानी पार्टी रासलोपा को एक बार फिर से खड़ा कर सकते हैं उपेन्द्र कुशवाहा
यही कारण है कि भाजपा अभी उपेन्द्र कुशवाहा के दूरी बना कर रखना चाहती है, बहुत संभव है कि उपेन्द्र कुशवाहा अपनी पुरानी पार्टी रासलोपा को एक बार फिर से खड़ा करें और बाद में किसी गठबंधन के साथ चले जायें.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार