टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से होती आ रही है, बीच-बीच में ये मुद्दा कही गायब हो जाता . लेकिन एकबार फिर चुनावी मौसम नजदीक आने के बाद ये जोर पकड़ने लगा है. लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इस मसले को लेकर जेडीयू और आरजेडी मिलकर इसके जरिए वोट भूनाने की कोशिश करेगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए केंद्र से अनुरोध करने का प्रस्ताव कैबिनेट से पारित किया है. इसके साथ ही अन्य कई प्रस्तावों पर भी मुहर लगी.
एक्स हैंडल पर नीतीश ने दी जानकारी
2017 में बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग काफी जोर पकड़ा था. इसके बाद ये ठंढे बस्ते में चला गया, जब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाए थे. देश में पहली बार जातीय गणना के बाद प्रदेश की सरकार ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने का राग अलापा है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में अपने एक्स हैंडल के जरिए एक पोस्ट किया . जिसमे कैबिनेट से बिहार को विशेष राज्य के दर्जा का प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध किया जाएगा. नीतीश ने अपने पोस्ट में लिखा कि कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. उन्होंने अनुरोध किया कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे.
क्या चुनाव को देखते हुए ये मांग है ?
भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ सरकार बनाई. इसके बाद से ही लगातार सुशासन बाबू राजनीति में नये-नये पैतरे चल रहे हैं. देश में पहली बार जातिए गणना बिहार में होने के बाद तो सियासत ही मानों पलट सी गई. भाजपा को भी पसीना आ गया और इसकी काट ढूंढने में लग गई है. 2017 में बिहार को विशेष दर्जे की मांग की गई थी. काफी शोर और हंगामा भी उस दौरान हुआ था. काफी दबाव केन्द्र सरकार पर बनाया गया था. लेकिन, इसके बाद पांच साल तक इसकी याद नहीं आई. अब लोकसभा चुनाव दहलीज पर खड़ी है और नीतीश इस मुद्दे को उठाकर एक नया तीर विपक्ष पर चला दिया है. बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का ये शिगूफा कितना कारगर साबित होगा. और बिहार की जनमानस को कितना प्रभावित करेगा. ये तो चुनाव के बाद पता चलेगा. लेकिन, जो दांव चलना था, उसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो अच्छे समय मे चल ही दिया है.