रांची(RANCHI): अवैध खनन मामले में ईडी ने पंकज मिश्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के बाद अब पंकज मिश्रा की हैकड़ी लगभग खत्म हो जायेगी. दरअसल, ईडी ने पंकज मिश्रा को रिम्स अस्पताल से डिस्चार्ज कर उन्हें सीआईपी(Central Institute of Psychiatry) में भर्ती करा दिया गया है. दरअसल, आज यानी 5 दिसंबर को ईडी ने जवानों को बुलाकर जबरन पंकज मिश्रा को रिम्स के पेइंग वार्ड से सीआईपी में भर्ती कराया है. अब वहां मनोचिकित्सक पंकज मिश्रा का इलाज करेंगे. बता दें कि पुलिस के जवानों के द्वारा जबरन कमरा को खाली कराया गया.
केंद्र सरकार करती है सीआईपी का संचालन
बता दें कि रिम्स अस्पताल में पंकज मिश्रा की देख-रेख का जिम्मा राज्य पुलिस के पास था. वहीं, पंकज मिश्रा पर रिम्स में रहते हुए साहिबगंज के अधिकारियों से कॉल पर बात करने का आरोप लगा था. लेकिन अब पंकज मिश्रा को ऐसी कोई सुविधा नहीं मिल पायेगी. दरअसल, सीआईपी केंद्र सरकार के अधीन आती है और वहां की सुरक्षा का जिम्मा भी केंद्रीय सुरक्षाबल के हाथों में होगी. ऐसे में पंकज को अब कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलने की उम्मीद है.
इनके जिम्मे होगी सुरक्षा व्यवस्था
बता दें कि रिम्स में सुरक्षा का जिम्मा झारखंड पुलिस के पास रहती थी. ऐसे में पंकज अपनी हैकड़ी का इस्तेमाल कर फोन कॉल से लेकर अन्य काम आसानी से करता था लेकिन अब पंकज की हैकड़ी का कोई असर सीआईपी में नहीं होगा. दरअसल, सीआईपी की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ, सीआईएसएफ के हवाले होगी. और ये सभी केंद्र के अधीन होती हैं.
रिम्स में कब हुए थे भर्ती
बता दें कि 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले के आरोपी पंकज मिश्रा को 30 जुलाई 2022 को रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रिम्स के डॉक्टरों द्वारा उन्हें 30 नवंबर को ही डिस्चार्ज किया जा चुका था. उसके बावजूद 4 दिसंबर तक पंकज रिम्स अस्पताल में ही भर्ती थे. वहीं, रिम्स के डॉक्टरों ने पंकज मिश्रा को सीआईपी, रिनपास या किसी नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करने की सलाह दी थी. बता दें कि 30 नवंबर को ही पुलिस की टीम पंकज मिश्रा को रिम्स लेने पहुंची थी लेकिन पंकज ने जाने से इनकार कर दिया था. अब उन्हें जबरन सीआईपी में भर्ती कराया गया है.
नशीली दवाएं लेने के आदि हैं पंकज मिश्रा
बता दें कि पंकज मिश्रा कई नशीली दवाएं लेने के आदि रह चुके हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पंकज मिश्रा को इलाज कर रहे डॉक्टरों को परेशानी हो रही थी. इसलिए उन्हें सीआईपी में भर्ती कराया गया है.