रांची(RANCHI): राजधानी रांची में बड़े पैमाने में हुए जमीन हेरा फेरी मामले में ईडी की दबिश बढ़ गई है.कांके अंचल से जुड़ी जमीन के मामले में ईडी ने जमीन कारोबारी कमलेश कुमार को शुक्रवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया है. कमलेश ने अधिकारियों की मिली भगत से सैकड़ों एकड़ जमीन को फर्जी दस्तावेज बना कर बेचने का काम किया है. अब ईडी कमलेश से एक एक कर कई सवाल के जवाब तलाश रही है. आखिर कैसे आदिवासियों की जमीन को बिक्री किया गया है. इस पूरे खेल में किसका कितना हिस्सा था. साथ हि अंचल अधिकारी से लेकर अन्य अधिकारियों की कितनी भूमिका रही है.
दरअसल कमलेश को ईडी ने छठा समन भेज कर शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया था. जिसके बाद सवालों का जवाब नहीं देने की वजह से उसे गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ़्तारी के बाद PMLA की विशेष अदालत में पेश किया गया है. अब कोर्ट से ईडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की कड़ी को आगे बढ़ाएगी. कमलेश से पूछताछ में कई जानकारी निकल कर सामने आएगी. जिसके आधार पर ईडी आगे की कार्रवाई करेगी.
कमलेश के पास ईडी के सवालों का जवाब नहीं
कमलेश के ठिकानों पर जब ईडी ने दबिश दी थी तो एक करोड़ रुपये नगद,100 जिंदा कारतूस और कई जमीन के दस्तावेज बरामद हुए थे. इस दौरान कमलेश ईडी से बचने के लिए फरार हो गया था. लगातार पूछताछ के लिए ईडी की ओर से कमलेश को समन भेज कर बुलाया जा रहा था. लेकिन किसी समन का कोई जवाब नहीं दिया गया. आखिर में छठे समन पर कमलेश शुक्रवार को ईडी दफ्तर पहुँचा. ईडी के अधिकारियों ने पूछताछ शुरू किया. एक लंबी सवालों की फेहरिस्त ईडी के पास मौजूद है.जिसमें कमलेश के पास कोई ठोस जवाब नहीं है. आखिर में उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
बड़े पैमाने पर हुई फर्जी रजिस्ट्री
कमलेश से जुड़े मामले में ईडी की टीम कांके अंचल पहुँच कर भी मामले की जांच की है. इस दौरान जानकारी मिली की सैकड़ों एकड़ जमीन को फर्जी दस्तावेज के आधार पर बिक्री की गई है. इस कड़ी को आगे जोड़ने के लिए ईडी की टीम कांके अंचल के चामा गाँव भी पहुंची और स्थानीय जमीन रैयातों से पूछताछ किया. बाद में सभी को अंचल कार्यालय बुला कर बयान भी दर्ज कराया गया था. इस बीच अंचल कर्मियों से भी ईडी ने पूछताछ की है. आखिर कैसे इतने बड़े पैमाने पर जमीन की रजिस्ट्री की गई है.
क्या बिना अधिकारियों की मिलीभगत से हो गई रजिस्ट्री
अब सवालों के घेरे में रजिस्ट्री कार्यालय से लेकर अंचल के अधिकारी है. अगर कोई आम व्यक्ति रजिस्ट्री कराने पहुंचता है तो कई दस्तावेजों की मांग की जाती है. सभी दस्तावेजों की गहनता से जांच की जाती है. इसके बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होती है. फिर म्यूटैशन के लिए भी लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. लेकिन कमलेश ने सभी फर्जी दसतवेज के आधार पर सैकड़ों एकड़ जमीन को बेच दिया. आखिर यह क्या बिना अधिकारियों की मिली भगत के संभव हो सकता है.
कई आईएएस और आईपीएस ने भी खरीदी जमीन
कमलेश ने बड़े पैमाने पर जमीन की बिक्री की है. इसमें राज्य के पूरे DGP नीरज कुमार के अलावा कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को भी की है. सभी अधिकारियों में कई प्लॉट कांके अंचल क्षेत्र में लिया है. अब उन अधिकारियों को भी ईडी पूछताछ के लिए तलब कर सकती है. आखिर जमीन लेने से पहले क्या उसकी जांच नहीं की गई थी. या फिर इस जमीन रजिस्ट्री के पीछे का भी खेल कुछ और है.